टांडा (होशियारपुर), 1 सितंबर:
पंजाब के हालिया इतिहास में सबसे खराब बाढ़ का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है और इस संकट की घड़ी में उन्हें उबारने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
होशियारपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का ताबड़तोड़ दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मियानी स्थित शेल्टर होम में लोगों से बातचीत भी की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप ने राज्य भर में अभूतपूर्व नुकसान पहुँचाया है, लेकिन राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के बचाव और राहत के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस अभूतपूर्व स्थिति में लोगों को राहत पहुँचाने के लिए पहले ही कई कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों को राहत पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने और उन्हें तुरंत राहत पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभी जिलों के विभागों को एकजुट होकर काम करने के लिए कहा गया है ताकि संकट की इस घड़ी में लोगों को अधिकतम राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों के एक-एक पैसे के नुकसान की भरपाई करेगी। उन्होंने कहा कि वह प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में उत्पन्न स्थिति पर नियमित रूप से नज़र रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में ज़मीनी स्तर पर स्थिति का जायज़ा लेने के लिए रारा पुल का भी दौरा किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भारत सरकार के पास अटके 60,000 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ ने राज्य भर के 1000 से ज़्यादा गाँवों को प्रभावित किया है और लाखों लोगों को प्रभावित किया है।
मख्यमंत्री ने कहा कि भारी मानसूनी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से ज़्यादा ज़िलों में भारी बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की गंभीर चिंता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस समय लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्यतः धान के खेत, बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, जिससे कटाई से कुछ हफ़्ते पहले ही फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन की व्यापक क्षति हुई है, जिसका ग्रामीण परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जिनकी आजीविका डेयरी और पशुपालन पर अत्यधिक निर्भर है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य पूरा करने के लिए एक मज़बूत बहु-विभागीय कार्यबल पहले से ही ज़मीनी स्तर पर चौबीसों घंटे काम कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ग्रस्त नदियों के किनारे बने दरारों को भरा जा रहा है और हर गाँव में बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सा दल तैनात किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के साथ-साथ, टीमें पानी के नमूने लेने, बाहरी और भीतरी इलाकों में स्प्रे करने, पानी में क्लोरीनीकरण, बुखार का सर्वेक्षण, मलेरिया और डेंगू का समय पर पता लगाने के लिए कार्ड टेस्ट, और आने वाले समय में सैनिटरी नैपकिन और मच्छरदानी का वितरण कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, जल आपूर्ति योजनाओं के माध्यम से आपूर्ति पूरी तरह बहाल होने तक, गाँवों में स्वच्छ और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी के टैंकर भेज रहा है। इसी प्रकार, भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसी भी महामारी के प्रकोप से बचने के लिए सभी गाँवों में पानी की गुणवत्ता की जाँच के लिए जल परीक्षण टीमें तैनात की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गाँवों में लोगों को पानी के अलावा, सूखा राशन किट, चीनी, चावल, आटा, घी और दूध पाउडर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पम्पिंग अभियान युद्धस्तर पर जारी है और जलमग्न गाँवों से पानी निकाला जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि प्रभावित लोगों को राहत शिविरों, चिकित्सा शिविरों और यहाँ तक कि उनके घर-द्वार पर भी चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ प्रभावित गाँवों में डेंगू के लार्वा का पता लगाने के लिए समर्पित एंटी-लार्वा टीमें भी तैनात की जा रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विशेष टीमें गाँवों का दौरा करके लोगों को मलेरिया, डेंगू, डायरिया, टाइफाइड और त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाव के उपाय बताएगी, क्योंकि इन बीमारियों से निपटने के लिए सामुदायिक सहभागिता ज़रूरी है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रभावित पशुओं के उपचार और टीकाकरण, पशुओं के कृमिनाशक उपचार और चारे/चारे की व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पशु चिकित्सा दल भी तैनात किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि गाँवों में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और जल जनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए फॉगिंग दल तैनात किए जाएँगे। इसी प्रकार, भगवंत सिंह मान ने कहा कि गाँवों की पेशेवर सफ़ाई का काम सफ़ाई कर्मचारियों और मनरेगा मज़दूरों को सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नालियों में बदबू को दूर करने और इससे जुड़ी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस मुश्किल घड़ी में लोगों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा है, लेकिन राज्य सरकार ऐसी स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत, लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और अन्य लोग भी थे।