मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार करने के  दिए निर्देश

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छात्रों को उच्च गुणवत्ता वालीविश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए आईआईटी की स्थापना की जाएगी

 

सीएम ने कुलपतियों से छात्रों के लिए शिक्षाअनुसंधाननवाचार और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने का किया आग्रह

चंडीगढ़ , 5 मार्च -हरियाणा के मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पहल के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री आज यहां उच्चतर शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा, खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम, मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर भी उपस्थित थे। बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार के साथ-साथ विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आईआईटी की स्थापना छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली, विश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा प्रदान करने तथा उन्हें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करने के लिए की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करके उच्चतर शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी शिक्षण संस्थानों में युवाओं का विश्वास बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कुलपतियों से न केवल शिक्षा पर बल्कि छात्रों के लिए शोध, नवाचार और कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने इन उद्देश्यों के लिए एक अलग कोष आवंटित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कुलपतियों को छात्रों को अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आज कई युवा बिना किसी शुरुआती निवेश के अच्छी खासी आय अर्जित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बड़ी संख्या में विदेशी छात्रों को समायोजित करने के लिए विश्वविद्यालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करके उच्चतर  शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में काम करेगी। रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए युवाओं का कौशल विकास आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है, जिससे हरियाणा भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों कंपनियों के लिए अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है। इस वृद्धि ने उद्योगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की मांग पैदा की है।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों को कौशल शिक्षा प्रदान करने के लिए पलवल जिले के दुधोला गांव में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय (एसवीएसयू) की स्थापना की है। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि विश्वविद्यालय में वर्तमान में अलग-अलग अवधि के 43 तकनीकी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं और विभिन्न उद्योगों के साथ 200 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों के लिए 81 प्रतिशत की प्रभावशाली प्लेसमेंट दर हासिल की है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय क्षेत्र में बंचारी लोक नृत्य को बढ़ावा देकर स्थानीय कला को पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

 

शिक्षकों से छात्रों को विभिन्न करियर विकल्पों पर मार्गदर्शन करने का आग्रह किया गया

छात्र परामर्श के महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से छात्रों को उनके लिए उपलब्ध विभिन्न करियर विकल्पों पर मार्गदर्शन करने, उन्हें भविष्य के लिए सही रास्ता चुनने और गुमराह होने से बचने में मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य भर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने आगामी राज्य बजट के लिए कुलपतियों से सुझाव मांगेसर्वश्रेष्ठ सुझावों को शामिल करने का आश्वासन दिया

बैठक में मुख्यमंत्री ने आगामी राज्य बजट के लिए कुलपतियों से सुझाव भी मांगे और आश्वासन दिया कि सर्वश्रेष्ठ सुझावों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने विभिन्न हितधारक समूहों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकें की हैं, ताकि उनके बहुमूल्य सुझाव एकत्रित किए जा सकें। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिस पर पहले ही लगभग 10,000 प्रस्तुतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।

बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री यशपाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री राज नेहरू, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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