ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश प्रदेश के विभिन्न राज्यों, कस्बों से शिल्पकार पहुंच रहे है। इतना ही नहीं इस 21 दिन चलने वाले इस मेले में हस्त शिल्प कला का एक अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। देश प्रदेश की अनोखी हस्तशिल्प कला महोत्सव की फिजा का रंग बदलने का काम कर रही है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि महोत्सव में दिल्ली से पहुंचे दयाचंद ने कहा कि वे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पिछले 15 सालों से आ रहे है। उन्होंने कहा कि अपने हाथों से ही हस्त शिल्पकला की गाथा लिखी, जिसके आधार पर उन्हें वर्ष 2005 में उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों राष्ट्रपति अवार्ड से भी नवाजा गया था। वे अपने साथ दिल्ली से टेराकोटा की मिट्टी से बने फ्लावर पोर्ट, सज्जा सजावट का सामान साथ लेकर आए हैं। वे आमजन को अपनी हस्त शिल्प कला सिखा कर रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं।





