पंजाब से इंडस्ट्री के पलायन का फिर अलार्म, अब लुधियाना की स्पीनिंग-निटिंग यूनिट ने किया यूपी का रुख

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मान सरकार ने किया था वादा, इन्वेस्ट-पंजाब में पहल दी जाएगी पंजाबियों को, मगर दूसरों को रिझाने की कवायद

लुधियाना, 7 अप्रैल। कभी अकाली-बीजेपी सरकार में इन्वेस्ट-पंजाब अभियान का जोरशोर से डंका बजाया गया था। तब तत्कालीन डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने हजारों करोड़ रुपये का पंजाब में निवेश हो जाने के दावे किए थे। फिर कांग्रेस शासन में भी ऐसा ही कुछ हुआ, लेकिन नतीजे निराशाजनक ही रहे। उसी दौरान पंजाब की औद्योगिक राजधानी लुधियाना से ही नामचीन कारोबारी घरानों ने दूसरे राज्यों में निवेश करने की चेतावनी दी थी। कुछ कंपनियों ने दूसरे सूबों में निवेश के लिए वहां की सरकारों से करार भी कर लिया था। अब सूबे की आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने एक बार फिर यह चुनौती पैदा हो गई है। यहां काबिलेजिक्र है कि ऐसा तब है, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने यह दावा किया था कि इन्वेस्ट पंजाब मुहिम के तहत सूबे के ही निवेशकों को तरजीह दी जाएगी। जबकि ऐसा नहीं हो सका, बल्कि दूसरे राज्यों के कारोबारी घरानों या मल्टी-नेशनल कंपनियों को गले लगाने की कवायद ज्यादा हुई, ऐसा जानकारों का कहना है।

सरकारी उपेक्षा के साइड-इफेक्ट आने लगे !

ताजा अहम डेवलपमेंट, लुधियाना में बहादुरके रोड स्थित आरआर इंडस्ट्री के सीएमडी कम चेयरमैन रमन जैन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। उन्होंने पीएम मित्रा योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ओएमयू साइन किया। वह लखनऊ में 550 करोड़ निवेश कर 38 एकड़ में स्पीनिंग, निटिंग और डाइंग यूनिट स्थापित करेंगे। यहां बता दें कि आरआर इंडस्ट्री ऐसा नाम है, जो बहुत नेम-फ्रेंडली नहीं है यानि आम लोगों के बीच चर्चित नहीं है। हालांकि उसकी कारोबारी स्थिति काफी बेहतर है। जानकारों का मानना है कि अगर ऐसी कंपनी अगर लखनऊ जाकर निवेश करने की पहलकदमी कर रही है तो यह चिंताजनक है। अगर राज्य सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण नहीं होता तो ऐसी कंपनियां ही पंजाब में हजारों करोड़ रुपये निवेश कर सकती थी। जाहिर तौर पर हजारों पंजाबियों को भी रोजगार के अवसर मिलने थे।

सरकार सोचने-मंथन करने का मौका :

माहिरों की नजर में आरआर कंपनी के यूपी में निवेश के लिए करार करने से पंजाब में इस दिशा में आगे बहुत कुछ होने का खतरा है। यहां काबिलेजिक्र है कि लुधियाना से ही ताल्लुक रखने वाले नामचीन ओसवाल ग्रुप ने पहले घोषणा कि थी कि बिहार की राजधानी पटना में 300 करोड़ इन्वेस्ट करेंगे। सरकार उस पर भी नहीं जागी ती। इसके अलावा यूपी के सीएम योगी के साथ कई नामी टैक्सटाइल कंपनियों की तस्वीरें पहले ही वायरल हो चुकी हैं।

मिसाल, जहां गए व्यापारी, वहां गया व्यापार :

यहां गौरतलब है कि कमोबेश तीन साल तक पंजाब के बॉर्डर बंद रहने से भी कारोबारी अलर्ट हुए। सूबे में कानून-व्यवस्था और कई दिक्कतों के चलते भी कारोबारियों ने पंजाब से पलायन करने की कई बार चेतावनी दी। ऐसे में अगर अब भी सूबे की आप सरकार नहीं जागी तो इसके आर्थिक परिणाम घातक हो सकते हैं।

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