‘आप’ सरकार पंजाब के हितों की रक्षा के लिए डटकर खड़ी रहेगी: अमन अरोड़ा

पंजाब के प्रधान एवं कैबिनेट मंत्री श्री अमन अरोड़ा

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* ‘आप’ प्रधान ने पिछली सरकारों पर प्रदेश के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया
* पंजाब पुलिस बी.बी.एम.बी. इकाइयों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम: अरोड़ा

चंडीगढ़, 11 जुलाई: पिछली सरकारों पर राज्य के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रधान एवं कैबिनेट मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी।

वह पंजाब विधानसभा में जल संसाधन मंत्री द्वारा बी.बी.एम.बी. संस्थानों में सीआईएसएफ की तैनाती के विरोध में पेश किए गए अधिकारिक प्रस्ताव पर सदन को संबोधित कर रहे थे।

श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और इसका जीवन किसानों, खेतों और पानी के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने पिछली सरकारों की संकीर्ण मानसिकता और दूरदर्शिता की कमी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने केवल चुनावी लाभों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है और लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या इसकी निर्भर है।

श्री अरोड़ा ने कहा, “पंजाब के लोग भली-भांति जानते हैं कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जब पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें थीं, तब सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर का निर्माण कपूरी से शुरू हुआ था। पंजाब को यह भी ज्ञात है कि किसने इसे अदालत में चुनौती दी थी और बाद में उसी कांग्रेस सरकार में इसे कैसे वापस ले लिया गया था।” उन्होंने कहा कि पानी का मुद्दा हर पंजाबी के लिए अत्यंत भावनात्मक है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बी.बी.एम.बी. चयन कमेटी में भी पक्षपातपूर्ण बदलाव करने की कोशिश की, जिसमें पंजाब (पावर) और हरियाणा (सिंचाई) के तौर पर सदस्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि हालांकि  पंजाब द्वारा बी.बी.एम.बी. परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत खर्च वहन किया जाता है।केंद्र ने प्रदेश के हितों और अधिकारों की पूरी तरह अनदेखी की है।

उन्होंने बताया कि पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार भी कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था। जून 2018 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि पंजाब की जेलों की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंप दी जाए — यह दर्शाता है कि पंजाब पुलिस को अक्षम बताया गया। उन्होंने कहा कि यह राज्य की स्वायत्तता और सुरक्षा मामलों को लेकर उनकी सोच पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी बताया कि बी.बी.एम.बी. के चार साझेदार राज्यों में से तीन ने कांग्रेस सरकार के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती पर सहमति दी थी।

प्रस्ताव का जोरदार समर्थन करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने ‘आप’ सरकार की ओर से राज्य के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ रुख दोहराया और यह सुनिश्चित करने की बात कही कि पंजाब के अधिकारों से कोई समझौता न हो।

श्री अरोड़ा ने सीआईएसएफ की तैनाती की आवश्यकता को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस बी.बी.एम.बी. के सभी संस्थानों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को स्वयं संभालने की क्षमता पर ज़ोर दिया।

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