मजबूरन इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने सांसद अरोड़ा को बुला अपनी समस्याओं, घोर उपेक्षा का हाल उन्हें सुनाया
लुधियाना 31 अगस्त। महानगर का बहादुरके रोड टैक्सटाइल इंडस्ट्री का फोकल प्वाइंट कहलाता है। जहां सरकार को बड़े पैमाने पर रेवेन्यू हासिल होता है। यह इंडस्ट्रियल लुधियाना के तीन विधानसभा हल्कों से भी जुड़ा है। इसके बावजूद लचर बुनियादी ढांचे समेत तमाम संकटों से घिरे यहां के इंडस्ट्रियलिस्ट्स की कोई सुनवाई नहीं कर रहा। ऐसे में मजबूरन उन्होंने लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को यहां बुलाकर अपने समस्याएं बताईं।
पावर-कट लगते हैं 18-18 घंटे :
उद्यमियों ने रोष जताते सांसद अरोड़ा को बताया कि बहादुरके रोड पर करीब एक हजार टैक्सटाइल यूनिटें लगी हैं। जिनमें लगभग दो लाख वर्कर काम करते हैं। इतना महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल एरिया होने के बावजूद यहां 18-18 घंटे तक बिजली कट लगते हैं। जिससे टैक्सटाइल यूनिटों में प्रोडक्शन बुरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही लेबर के खाली रहने से उद्यमियों को दोहरा नुकसान होता है।
सीवरेज सिस्टम लचर, सड़कें खस्ताहाल :
उद्यमियों ने बताया कि यहां बुनियादी सुविधाएं तक सही तरीके से मुहैया नहीं कराई गई। मसलन, सीवरेज सिस्टम लचर है। जबकि गलियों से लेकर मेन रोड तक खस्ताहाल है। थोड़ी सी बारिश होने पर ही भारी जलभराव हो जाता है। मेन रोड पर ट्रैफिक पुलिस तैनात ना होने से अकसर जाम लगने की समस्या आती है। सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है।
वर्करों से अकसर होती है लूटपाट :
कई उद्यमियों ने चिंता जताई कि उनकी यूनिटों में काम करने वाले वर्करों से अकसर रात को आते-जाते लूटपाट होती है। किसी वर्कर का मोबाइल तो किसी की साइकिल छीनकर नशेड़ी भाग जाते हैं। ऐसे अस्सी फीसदी मामलों में वर्कर केस तक दर्ज नहीं कराते। खासकर सेलरी बांटने वाले दिनों में लेबर से कैश छीनने का खतरा बढ़ जाता है। इस मामले में अरसे से यहां पुलिस चौकी बनाने की मांग की जा रही है। यह इलाका सुंदर नगर पुलिस चौकी के एरिया में है। वहां से पुलिस की पीसीआर नियमित आकर गश्त तक नहीं करती है। चंद दिनों पहले इलाके में एक व्यक्ति का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था।
फायर ब्रिगेड स्टेशन भी नहीं बनाया :
हर साल इस इंडस्ट्रियल एरिया की टैक्सटाइल यूनिटों में आगजनी की घटनाएं होती हैं। उद्यमियों ने सांसद अरोड़ा को बताया कि उन्होंने यहां फायर ब्रिगेड का स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रस्ताव रखा था। जिसके मुताबिक जगह के अलावा स्टाफ का वेतन देने का प्रस्ताव भी रखा था। इसके बावजूद उसे खारिज कर दिया गया। आगजनी होने पर जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचती है तो संबंधित यूनिट में लाखों का माल जलकर खाक हो जाता है।
अरोड़ा ने पीएसपीसीएल को हिदायत दी, बाकी समस्याएं भी हल कराने का वादा :
उद्यमियों की शिकायतें पूरी गंभीरता से सुनने के बाद सांसद अरोड़ा ने पीएसपीसीएल के चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हंस से मौके पर संपर्क किया। साथ ही उनसे बिजली की समस्या जल्द हल करने को कहा। सड़कों की समस्या को भी उन्होंने जल्द हल कराने का आश्वासन दिया। इस मामले में उन्होंने उद्यमियों की नगर निगम कमिश्नर और सीए ग्लाडा संदीप ऋषि के साथ बैठक कराने की बात कही। वहीं फायर ब्रिगेड स्टेशन और पुलिस चौकी स्थापित करने के मामले में भी संबंधित अधिकारियों से बात करने का भरोसा दिलाया।
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