चंडीगढ/यूटर्न/10 अगस्त: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से पहले बब्बर खालसा आतंकी तरसेम सिंह को गिरफतार किया गया है। बब्बर खालसा का मोस्ट वांटेड आतंकी तरसेम सिंह की गिरफतारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उलपब्धि है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने विदेश में बैठकर भारत में ऑपरेट कर रहे आतंकी मॉड्यूल पर वार करते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी तरसेम सिंह को गिरफतार किया है। उसे यूएई से पकड़ा गया है। एनआईए और इंटरपोल की मदद से आतंकी तरसेम सिंह को शुक्रवार को भारत लाया गया है। अब एनआईए आतंकी तरसेम सिंह से बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन के अन्य आतंकियों, भारत में उनके आतंकी मॉड्यूल को ऑपरेट कर रहे आरोपियों और देश में हुई बड़ी वारदातों के पीछे उसकी क्या भूमिका रही, इन सभी से आतंकी तरसेम सिंह से एनआईए पूछताछ करेगी। आतंकी तरसेम सिंह आतंकी लखबीर लंडा का सगा भाई है। तरसेम सिंह पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर संधू उर्फ रिंदा और अपने भाई लखबीर लंडा के लगातार संपर्क में था। इन दोनों के इशारे पर भारत में आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा था। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि आतंकी तरसेम सिंह पंजाब के जिला मोहाली में हुए आरपीजी अटैक का भी मास्टर माइंड है। ऐसे में आने वाले दिनों में एनआईए इस मामले में भी बड़ा खुलासा कर सकती है। आतंकी तरसेम सिंह पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है। आतंकी लखबीर लंडा जोकि तरसेम सिंह का भाई है, उसके खिलाफ जून 2023 से गिरफतारी का गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी हुआ था। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि आतंकी तरसेम सिंह बब्बर खालिस्तान इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी संगठन का एक प्रमुख एक्टिव मेंबर है और संयुक्त अरब अमीरात में बैठकर आतंकी रिंदा और लंडा का नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था।
अबू धाबी से दबोचा गया था
एनआईए की विशेष अदालत द्वारा एनबीडब्ल्यू जारी करने और उसके बाद इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद नवंबर 2023 में आतंकी तरसेम सिंह को अबू धाबी से दबोचा गया था। शुक्रवार को इंटरपोल की उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उसे संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया।
एनआईए ने 2022 में दर्ज किया था मामला
एनआईए की जांच के अनुसार तरसेम रिंदा और लंडा के भारत स्थित सहयोगियों को आतंकी फंड की व्यवस्था करने और मुहैया कराने में सक्रिय रूप से शामिल था। वह कई मार्गों से आतंकी फंडों को ऑपरेट करता था। एनआईए ने 20 अगस्त 2022 को संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। यह मामला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बीकेआई, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) आदि जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के प्रमुखों व सदस्यों की आतंकी गतिविधियों से संबंधित है।
आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में हाथ
एनआईए ने बताया कि आतंकी तरसेम, लंडा और रिंदा अलग-अलग आतंकी संगठनों के साथ मिलकर पंजाब के सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों के माध्यम से काम कर रहे हैं। एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि ये सभी आरोपी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, हवाला कारोबार आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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