लुधियाना निगम की कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर लगे गंभीर आरोप
लुधियाना 8 अगस्त। पिछले कुछ समय से नगर निगम के साथ अटैच कंस्ट्रक्शन कंपनियों के नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं। अब निगम की एक और कंस्ट्रक्शन कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर पीपीसीबी से अधूरी परमिशनें लेने के बावजूद अवैध तरीके से सड़कों पर लुक डालने का टेंडर लेने के आरोप लगे हैं। इस संबंध में लुधियाना हॉट मिक्स प्लांट वेलफेयर सोसायटी की और से नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को शिकायत भी दी गई है। उनका आरोप है कि निगम के अफसरों की मिलीभगत से दस्तावेज पूरे न होने के बावजूद यह टेंडर कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिए गए। जबकि इसी तरह लुक डालने और आरएमसी टाइलें लगाने के टेंडरों की आड़ में कंपनी और अफसरों द्वारा मिलकर करोड़ों रुपए का हेरफेर करने की आशंका जताई जा रही है। उनका यह भी आरोप है कि निगम द्वारा बाकी ठेकेदारों को पेमेंट सही से अदा नहीं की जा रही, जबक कैपिटल कंपनी को अब तक 2.10 करोड़ के करीब अदायगी भी कर दी गई है। सोसायटी के सदस्यों द्वारा मामले की उचित जांच कराने की मांग की गई है। अब देखना होगा कि कमिश्नर द्वारा मामला में जांच कर क्या एक्शन लिया जाता है।
अधूरे दस्तावेजों पर लिया 50 लाख का टेंडर
हॉट मिक्स प्लांट वेलफेयर सोसायटी के प्रेजिडेंट विनोद जैन ने आरोप लगाया कि उक्त कंपनी द्वारा निगम से सड़कों पर लुक डालने का 50 लाख का टेंडर लिया। लुक प्लांट लगाने से लेकर चलाने तक पीपीसीबी से परमिशनें लेनी होती है। जिसमें पहले पीपीसीबी से प्लांट लगाने को कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट सर्टीफिकेट लेना होता है। जिससे सिर्फ प्लांट लगाया जा सकता है। जिसके बाद एयर व पानी के सभी नियम पूरे करने होते हैं। फिर अधिकारी चैकिंग करते हैं और आखिर में कंसेंट टू ऑपरेट मिलता है, यानि कि फिर प्लांट चलाया जा सकता है। लेकिन कैपिटल कंपनी द्वारा सिर्फ कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट सर्टीफिकेट के आधार पर ही टेंडर ले लिए जा रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा
विनोद जैन अनुसार नियम हैं कि टेंडर लेने से पहले कंसेंट टू ऑपरेट का सर्टीफिकेट लेना जरुरी है। फिर ही टेंडर के लिए अप्लाई किया जा सकता है। जबकि टेंडर के नियमों में यह बात साफ लिखी होती है, फिर आखिर किस आधार पर बिना पूरे दस्तावेजों के कंपनी को टेंडर अलॉट किए जा रहे हैं। जिससे आशंका जाहिर होती है कि अधिकारियों की इसमें मिलीभगत है। जिसके चलते कंपनी को आसानी से टेंडर मिल जाते हैं।
50 प्रतिशत लैस पर ठेके लेती है कंपनी
विनोद जैन ने आरोप लगााया कि कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 40 से 50 प्रतिशत लैस पर ठेके लिए जाते हैं। अब मान लो कि 50 प्रतिशत कम पर ठेका लिया गया, उसमें 18 प्रतिशत जीएसटी कटेगा, फिर ठेकेदार 10 प्रतिशत अपना रखेगा, फिर बाकी बचे 22 प्रतिशत में काम कैसे हो सकता है। जिससे साफ जाहिर है कि या तो काम हो ही नहीं रहे और या अधूरे काम करके पेमेंट पूरी ले ली जा रही है।
कंपनी को दिए सभी टेंडरों की जांच की मांग
हॉट मिक्स प्लांट वेलफेयर सोसायटी के प्रधान विनोद जैन ने कहा कि कैपिटल कंस्ट्रक्शन फर्म द्वारा आरएमसी की टाइलें लगाने के भी कई टेंडर लिए जा चुके हैं। जिसमें बड़ा हेरफेर होने की आशंका है। उनकी मांग है कि आज तक कंपनी को जितने भी टेंडर मिले हैं, सभी की जांच करानी चाहिए। जिसमें बड़ा हेरफेर सामने आ सकता है। जबकि इसमें कई अफसरों के चेहरों से भ्रष्टाचार का नकाब भी हट सकेगा।