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मुद्दे की बात : चीनी ड्रैगन को संयुक्‍त राष्‍ट्र में घेरने की तैयारी

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पड़ोसी देश बन सकता है सुरक्षा परिषद का सदस्‍य

दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखा रहे चीन पर लगाम लगाने की तैयारी तेज हो गई हैं। चीन अपने पड़ोसी देशों वियतनाम, फिलीपींस, जापान और ताइवान को डराने में जुटा हुआ है। चीन की इस चाल को मात देने के लिए अब फिलीपींस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर स्थायी सदस्य बनाया जा सकता है। फिलीपींस चाह रहा है कि उसे दो साल के लिए सुरक्षा परिषद की सदस्यता दी जाए। फिलीपींस का यह प्रयास अगर सफल हो जाता है तो वह चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सबसे मुखर और प्रभावशाली आवाज बन सकता है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है और फिलीपींस के द्वीप को अपना बता रहा है।

चीन और फिलपींस के बीच समुद्र के अंदर कई बार टकराव हो चुका है। साऊथ चाइना मार्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस अगर दुनिया के सबसे बड़े मंच पर चीन को घेरता है तो यह बीजिंग के लिए बहुत ही शर्मनाक स्थिति हो सकती है। अभी चीन पाकिस्तान के दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने पर इतरा रहा है। चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को घेरना चाहते हैं। फिलीपींस ने हाल ही में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है जो चीनी युद्धपोतों को तबाह करने की ताकत रखती है। अमेरिका ने भी अपनी सेना को फिलीपींस में तैनात किया है। नए अड्डे बना रहा है।

फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर ने पिछले सप्ताह राजनयिकों से बातचीत में कहा था कि फिलीपींस ‘व्यवस्था आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’ और वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्‍होंने कहा कि फिलीपीं, का साल 2027 से 2028 तक सुरक्षा परिषद की दावेदारी के लिए शांतिरक्षा और बहुपक्षीय कूटनीति का समृद्ध अनुभव है। मार्कोस जूनियर ने कहा कि फिलीपींस वैश्विक स्तर पर भूमिका निभाने के लिए बहुत मजबूत स्थिति में है। साथ ही वैश्विक एजेंडे के निर्णायक मुद्दों को उठाना चाहता है।

विश्लेष्कों का कहना है कि मार्कोस जूनियर के इस बयान से साफ है कि वह वैश्विक सहयोग से आगे बढ़कर संयुक्त राष्ट्र में चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। फिलीपींस अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आता है तो चीन की पोल खोल सकता है, जो दक्षिण चीन सागर में डराने में जुटा है। उन्‍होंने कहा कि अगर फिलीपींस को सुरक्षा परिषद में शामिल करने का कोई भी प्रस्ताव आता है तो चीन इसको जरूर वीटो करेगा। चीन अगर ऐसा करता है तो इसका बड़ा राजनयिक असर हो सकता है। दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी एक्‍सपर्ट ग्रेग पोलिंग कहते हैं कि यह वीटो चीन को शार्मिंदगी में डाल देगा। फिलीपींस का सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए दावा बहुत मजबूत है।

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