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मुद्दे की बात : पेरिस ओलंपिक में उभरता भारत

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नारी शक्ति का शानदार आगाज, उम्मीद है अंजाम होगा लाजवाब

जैसा कि खेल-जगत के समीक्षक उम्मीद जता रहे थे, पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता नजर आ रहा। संयोग देखिए, भारतीय दल में नारी-शक्ति पर समीक्षकों ने भरोसा जताया और जीत का आगाज भी महिला खिलाड़ी ने ही किया। मंगलवार का दिन भी भारतीय दल के लिए मंगलमयी रहा। शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक में इतिहास रच दिया है। वे एक ही ओलिंपिक गेम्स में दो मेडल जीतने पहली भारतीय महिला बन गईं। मंगलवार को मनु और सरबजोत की जोड़ी ने 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया को 16-10 से हराया।

गौरतलब है कि यह पेरिस ओलिंपिक में भारत का दूसरा मैडल है। मनु भाकर ने दो दिन पहले ही पहला मैडल भी दिलाया था। वह 10 मीटर विमेंस पिस्टल इवेंट में तीसरे स्थान पर रहीं थी। उनके मैडल जीतने से हर भारतीय गदगद है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनको बधाई देकर उनका उत्साह बढ़ाया था। अब उनकी दोहरी कामयाबी में दूसरे शूटर सरबजोत की भागीदारी भी हो गई। इतिहास पर नजर डालें तो ओलिंपिक गेम्स में भारत को 12 साल के बाद शूटिंग में डबल मैडल मिले हैं। इससे पहले लंदन ओलिंपिक-2012 में गगन नारंग और विजय कुमार ने मैडल दिलाए थे। बता दें कि मनु से पहले एक अंग्रेज एथलीट नॉर्मन प्रिचर्ड ने एक ओलिंपिक गैम्स में दो मैडल जीते थे। उन्होंने 1900 के पेरिस ओलिंपिक में 200 मीटर हर्डल्स और 200 मीटर रेस में सिल्वर जीते थे। यह ओलिंपिक में भारत का पहला मैडल था। लेकिन भारत का यही पहला मैडल कॉन्ट्रोवर्शियल भी रहा, क्योंकि इसे एक अंग्रेज एथलीट नॉर्मन प्रिचर्ड ने जीता था। लिहाजा इस पर इंग्लैंड भी क्लेम करता है।

दूसरी तरफ, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने सोमवार देर रात खेले राउंड ऑफ 32 मुकाबले में फ्रांस की पृथिका पावाडे को हराकर पेरिस ओलिंपिक टेबल टेनिस विमेंस सिंगल्स के प्री-क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। मनिका ओलिंपिक के प्री-क्‍वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं। दुनिया की 28वीं रैंकिंग वाली मनिका ने फ्रांस की राजधानी के साउथ पेरिस एरिना 4 में दुनिया की 18वें नंबर की खिलाड़ी पावाडे को शिकस्त दी।

संतोष की बात यह है कि भारतीय दल में दूसरे खेलों में भी कई दमदार महिला खिलाड़ी हैं। जिनसे पूरी उम्मीदें है कि वे भारत की झोली मैडलों से भरने में मददगार साबित होंगी। बाकी भारतीय हॉकी टीम से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। कुल मिलाकर मनु भाकर की जीत से भारतीय दल के बाकी खिलाड़ियों का मनोवैज्ञानिक तौर पर आत्मबल जरुर मजबूत हुआ होगा। जिसके बल पर वे इस ओलंपिक में और बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करेंगे।

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