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मुद्दे की बात : अग्निपथ योजना पर सवालियान निशान लगाते अग्निवीर

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राहुल बनाम राजनाथ और अग्निवीर अजय

ेअगर शहीद होने वाला अजय कुमार अग्निवीर था तो उसे सीमा पर दुश्मनों के सामने तैनात क्यों किया गया था ? लुधियाना जिले के रामगढ़ सरदार गांव की बख्शो देवी जब ये सवाल पूछती हैं तो उनके चेहरे पर भाई की मौत का गहरा दर्द और केंद्र सरकार के खिलाफ ग़ुस्सा और नाराजगी साफ झलकते हैं। बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान बख्शो देवी ने अपने भाई अजय कुमार की शहादत को लेकर सरकार से यह बड़ा सवाल किया, जिसका उनको माकूल जवाब नहीं मिल सका।

अजय कुमार अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। जनवरी, 2024 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाक़े में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में उनको जान गंवानी पड़ गई थी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में अग्निपथ योजना का मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाया। तब शहीद अजय कुमार के परिजनों के ज़ख़्म एक बार फिर हरे हो गए। उनके पिता चरणजीत सिंह को आज भी वह पल याद है, जब 18 जनवरी की मनहूस शाम को उन्हें अपने बेटे की मौत की ख़बर मिली थी। बेटे की मौत बूढ़े पिता के लिए दुखों का पहाड़ टूटने जैसी थी।

अजय जैसे तमाम अग्निवीरों के परिजन भी चिंतित हैं। उनको डर लगता है कि शहादत देने वाले अग्निवीरों को क्या सरकार वाजिब सम्मान दे पाएगी ? जिस तरह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा, उससे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बैकफुट पर नजर आए थे। कुल मिलाकर अग्निवीर योजना कितनी फुलप्रूफ है, यह तो अजय कुमार के मामले से ही साफ हो गया।

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