मुद्दे की बात : ज़ेलेंस्की ने भारत को लेकर यूरोप और अमेरिका को दी सलाह

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यूक्रेन चाहता है कि भारत उसका साथ निभाए, ताकि ट्रंप को घेर सकें !

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह यूक्रेन युद्ध में रूस की फंडिंग कर रहा है। हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि भारत उनके देश के साथ है। ट्रंप का यह एक और विवादित बयान सुर्खियों में है।

ज़ेलेंस्की का कहना है कि भारत रूस के साथ अपनी ऊर्जा निर्भरता ख़त्म कर सके, इसके लिए जरूरी है कि उसके और पश्चिमी देशों के बीच मजबूत सामरिक गठजोड़ बने। पश्चिमी देशों को इसकी कोशिश करनी चाहिए। इस पर बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार ये कह चुके हैं कि रूस से तेल ख़रीदकर यूक्रेन युद्ध में भारत उसकी मदद कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन तेल ख़रीदकर यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद कर रहे हैं। यूरोपियन यूनियन ने भी भारत पर रूस से तेल ख़रीदने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत का कहना है कि वह रूस से उतना तेल नहीं खरीदता, जितना यूरोप खरीदता है। ज़ेलेंस्की ने एक इंटरव्यू में कहा, ईरान कभी भी हमारे साथ नहीं होगा, क्योंकि वो कभी भी अमेरिका के साथ नहीं होगा। हालांकि मुझे लगता है कि भारत हमारे साथ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पश्चिमी देश और भारत के बीच ऐसा सामरिक गठजोड़ बने कि उसे रूस से तेल खरीदने की जरूरत ना पड़े। उन्होंने यूरोप और अमेरिका, दोनों से भारत से अपने-अपने रिश्ते गहरे करने को कहा।

ज़ेलेंस्की ने रूस से तेल खरीदने के सवाल पर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह मुद्दा सुलझा लेंगे।

ट्रंप अब और ज़्यादा सकारात्मक हैं, उन्होंने यह दिखाया है कि वह बिल्कुल अंत तक यूक्रेन का समर्थन करना चाहते हैं। हम जितनी जल्दी हो सके, यह युद्ध ख़त्म करना चाहते हैं। ट्रंप यही चाहते हैं, मैं भी यही चाहता हूं और हमारे लोग भी ऐसा ही चाहते हैं। ट्रंप को यह पता है कि यूक्रेन को रूस से क्या चुनौतियां मिल रही हैं। साथ ही कहा कि पुतिन युद्ध नहीं जीतेंगे, लेकिन इसके बावजूद वह सबको कह रहे हैं कि रूस ही जीतेगा। ज़ेलेंस्की ने माना कि चीन से मिल रही चुनौती बहुत जटिल है, क्योंकि रूस के साथ उसके ऐतिहासिक रिश्ते हैं ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को बार-बार घेरा है।

ट्रंप सरकार में व्यापार मामलों के वरिष्ठ सलाहकार नवारो ने कहा था, पीएम मोदी एक महान नेता हैं. ये समझ नहीं आ रहा है कि भारतीय नेता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कैसे सहयोग कर रहे हैं ? जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत ने रूस से तेल खरीद पर घेरने को ‘अनुचित और अव्यावहारिक’ कहा है. भारत का कहना है कि वो ‘जहाँ से भी सस्ता तेल मिलेगा, ख़रीदना जारी रखेगा।

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