मुद्दे की बात : पंजाब में जब बाढ़ थमने लगी तो राजनेताओं की यहां आमद हुई तेज, टारगेट अगला विधानसभा चुनाव !

सभी दल जवाबदेह, इसे ‘मैनमेड’ आपदा क्यों नहीं माना : आशु इस संवेदनशील मुद्दे पर पंजाब की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट रहे भारत भूषण आशु ने बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि यह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनहित का मु्द्दा है। पंजाब में कोई पहली बार बाढ़ नहीं आई। कमोबेश सभी प्रमुख दल से ‘कुदरती-आपदा’ बता असल मु्द्दे से भटका रहे हैं। सत्ताधारी क्यों नहीं मानते कि यह काफी हद तक ‘मैनमेड’ आपदा थी। साथ ही गंभीरता से समीक्षा की बात क्यों नहीं हो रही कि लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष आशु ने रोष जताते कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को आपसी टांगखिंचाई की बजाए मुसीबत आने से पहले इससे निपटने के पुख्ता इंतजाम करने चाहिएं थे। पंजाब में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत पूरी अपोजीशन की नैतिक जिम्मेदारी है कि इस जनहित के अति-संवेदनशील मुद्दे पर वह राज्य व केंद्र सरकार से जोरदारी से जवाब-तलब करे।

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आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान
बाढ़ आपदा देखकर चिंतित पीएम नरेंद्र मोदी
कांग्रेसी नेता राहुल गांधी
पंजाब में बाढ़ पीड़ितों से मिलते शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल

विडंबना : सभी प्रमुख पार्टियों के दिग्गज इसे ‘कुदरती-कहर’ बता रहे मगर जिम्मेदार कौन, इस मुद्दे को टाल गए

लुधियाना,, 16 सितंबर। इसे क्या कहेंगे कि जब पंजाब में जब बाढ़ थमने लगी तो राजनेताओं की आमद तेज हुई। ऐसे में आम लोगों में रोष के साथ चर्चाएं जारी हैं कि सभी पार्टियों की नजर 2027 की शुरुआत में

पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु

होने वाले अगले विधानसभा चुनाव पर है। सबसे बड़ी विडंबना कि सभी प्रमुख पार्टियों के दिग्गज नेता बाढ़ पीड़ितों से मिलकर इस आपदा को सिर्फ ‘कुदरती-कहर’ बता कर उनको असल मुद्दे से भटका रहे हैं। हालांकि इसके लिए सरकारें और प्रशासन कितने जिम्मेदार है, इस मुद्दे को टाल गए या चुप्पी साध ली।

पंजाब में सत्ताधारी आप ने पहल की :
आम आदमी पार्टी सूबे में सत्तारुढ़ है। लिहाजा पंजाब के सीएम भगवंत मान खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे। अपने मंत्रियों को भी मैदान में उतारा। हालांकि इसी बीच बीमार होकर अस्पताल में दाखिल हुए। लिहाजा आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ उनका बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा टल गया। हालांकि उन्होंने अस्पताल से मंत्रियों-अफसरों के साथ बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक की। इसी बीच केजरीवाल के अलावा आप के पंजाब इंचार्ज मनीष सिसोदिया और प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा ने मोर्चा संभाला। जानकारों की मानें तो सूबे की सत्ता में होने के कारण आप को जनता के रोष की सबसे ज्यादा चिंता थी। लिहाजा किसानों-बाढ़ पीड़ितों के लिए अहम घोषणाएं भी कीं।

मोदी भी दौरे पर आए, पहले शिवराज को भेजा :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से लौटते ही पंजाब में बाढ़ पर दुख जताया। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। फिर पीएम मोदी ने भी गुरदासपुर का दौरा करके बाढ़ प्रभावित किसानों से मुलाकात की और पंजाब का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद अब भाजपा ने 25 केंद्रीय राज्य मंत्रियों को पंजाब के दौरे पर भेजा है। 20 सितंबर तक यह दौरा जारी रहेगा। जानकारों की मानें तो किसान आंदोलन के बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पंजाब में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लोकसभा में तो भाजपा के हाथ एक भी सीट नहीं लगी। यही कारण है कि अब पार्टी से बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरे के साथ ही किसानों में पैठ बनाने में जुटी है। वहीं, हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने भी भाजपा से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए मोर्चा संभाला। सीएम सैनी ने पंजाब को राहत कार्यों के लिए पांच करोड़ रुपये देने के राहत सामग्री भी भेजी।
राहुल के बाद बघेल पंजाब दौरे पर आए :
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पीएम मोदी के बाद पंजाब दौरे पर आकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से मिले। इसके बाद पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने पार्टी नेताओं से हर संभव मदद पहुंचाने का आह्वान किया था। कांग्रेस प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग व विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने भी बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनको सहायता भी प्रदान की। जानकारों की मानें तो कांग्रेस पंजाब में प्रमुख विपक्षी दल है, लिहाजा उसकी नजर भी अगले विस चुनाव पर है।

शिअद भी सक्रिय :
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वो भी मदद पहुंचाने के लिए लगे हैं। अकाली नेताओं के साथ उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को मदद भी पहुंचाई। ऐसे में जानकारों की नजर में अकाली दल भी अगले विस चुनाव में अपना सियासी-वजूद मजबूत करने को यह कवायद कर रहा है। दरअसल उसका असल वोट-बैंक देहात इलाकों में है।

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