भारत और पाकिस्तान साफ मना कर चुके, किसी तीसरे देश ने मध्यस्था नहीं की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब क्या बोल दें, दुनिया भर के देश अब उनके बयान पर कतई नहीं चौंकते हैं। अब एक बार फिर बड़ा दावा करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को व्यापार के जरिए रोक दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने यहां तक कहा कि उन्होंने सात बड़े युद्धों को समाप्त कराया है। लिहाजा इसके लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। ट्रंप ने गत दिवसर अमेरिकन कॉर्नरस्टोन इंस्टीट्यूट फाउंडर डिनर में कहा, दुनिया में अमेरिका को अब पहले से कहीं ज्यादा सम्मान मिल रहा है। हम शांति समझौते कर रहे हैं और युद्ध रोक रहे हैं। हमने भारत और पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध रोके हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को व्यापार के जरिए रुकवाया। सोचिए भारत और पाकिस्तान के बारे में, मैंने उनसे कहा कि अगर वे लड़ाई करेंगे तो हम उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे। उनके पास परमाणु हथियार हैं और अगर वे व्यापार चाहते हैं तो उन्हें शांति बनाए रखनी होगी।
इतना ही नहीं, ट्रंप ने दावा किया कि इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया। बता दें कि ट्रंप लगभग 20 से ज्यादा मौकों पर भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने का दावा कर चुके हैं। जबकि भारत ने शुरुआत से स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत के बाद संघर्ष रोका गया है और इसमें किसी तीसरे देश ने मध्यस्थता नहीं की है। वहीं, ट्रंप ने इस दौरान उन देशों की सूची भी गिनाई, जहां उन्होंने युद्ध रोकने का दावा किया। इसमें भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया, आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इस्राइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और रवांडा-कांगो आदि शामिल है। उन्होंने दावा किया कि हमने ये सभी युद्ध रोके। इनमें से 60% युद्ध हमने केवल व्यापार के जरिए रोके।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कर देते हैं तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है। इस पर ट्रंप ने तंज कसते हुए कहा, मैंने कहा कि मैंने सात युद्ध रोके हैं। एक युद्ध रोकने पर पुरस्कार मिलेगा और सात युद्धों पर कुछ नहीं ? मुझे सातों के लिए सात नोबेल पुरस्कार मिलने चाहिए। ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि उन्हें लगा था कि यह संघर्ष सुलझाना आसान होगा, क्योंकि उनके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अच्छे संबंध हैं। मैं पुतिन से निराश हूं, लेकिन हमारे संबंध ठीक हैं। मैंने सोचा था कि यह संघर्ष सबसे आसान होगा, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। फिर भी, इसे किसी ना किसी तरीके से खत्म कर देंगे। ट्रंप ने अपने भाषण के अंत में दावा किया कि अमेरिका अब सिर्फ एक ताकतवर देश नहीं, बल्कि दुनिया में शांति का प्रतीक बन रहा है। अब ट्रंप के ताजा बयान को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स और मीडिया इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
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