पीएम मोदी के जीएसटी-ऐलान से भारत में क्या सस्ता होगा ?
देश भर में कर का बोझ कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर भाषण में ‘अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों’ की घोषणा की। उन्होंने संकेत दिया कि जीएसटी सुधार 2025 की दिवाली तक लागू हो सकते हैं। जिसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं शुरु हो गई हैं।
जीएसटी के घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि पीएम के ऐलान से 12% जीएसटी स्लैब में आने वाली वस्तुएं 5% जीएसटी स्लैब में आ सकती हैं। जबकि 28% जीएसटी स्लैब में आने वाली वस्तुएं 18% जीएसटी स्लैब में आ सकती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि पाप की श्रेणी में आने वाली वस्तुओं, जिनमें सिगरेट, तंबाकू और बीयर जैसे उत्पाद शामिल हैं, उनके लिए 40% का अतिरिक्त जीएसटी स्लैब होगा। चूंकि जीएसटी एक उपभोग-उन्मुख कर है, इसलिए अगली पीढ़ी जीएसटी सुधारों का अंतिम लाभार्थी उपभोक्ता होगी, जो कम जीएसटी के कारण कम भुगतान करेगी।
जानकारों के अनुसार, जीएसटी सुधार रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ों को काफ़ी किफ़ायती बना देंगे। किराने के सामान और दवाओं से लेकर टीवी और वाशिंग मशीन तक इसमें शामिल होंगी। कृषि उपकरण, साइकिलें, यहां तक कि बीमा और शिक्षा सेवाएं भी सस्ती होने वाली हैं, जिससे परिवारों और किसानों को सीधी राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ेगी। माहिरों के मुताबिक कि जीएसटी के सिर्फ़ तीन स्लैब होंगे, 5%, 18% और 40%। जबकि 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आने वाली लगभग 99% वस्तुएं 5% जीएसटी स्लैब में आएंगी। वहीं, 28% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आने वाली उतनी ही वस्तुएं 18% जीएसटी स्लैब में आएंगी।
जिन वस्तुओं पर वर्तमान में 12% कर लगता है, जिनमें गाढ़ा दूध, सूखे मेवे, फ्रोजन सब्ज़ियां, सॉसेज, पास्ता, जैम, भुजिया सहित नमकीन, टूथ पाउडर, दूध की बोतलें, कालीन, छाते, साइकिलें, बर्तन, फ़र्नीचर, पेंसिल, जूट या सूती हैंडबैग और एक हजार रुपये से कम कीमत के जूते-चप्पल शामिल हैं, उन पर कर की दरें घटकर 5% हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने जीएसटी युक्तिकरण पर विचार-विमर्श कर रहे मंत्रियों के समूह को अपने प्रस्ताव भेज दिए हैं। यह समूह जीएसटी परिषद के समक्ष अपनी सिफारिशें रखेगा। यह परिषद अप्रत्यक्ष कराधान पर सर्वोच्च संघीय निकाय है। जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं और जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं। परिषद को प्रस्ताव को संशोधन के साथ या बिना संशोधन के स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार है।
मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में कहा, हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ला रहे हैं। जिससे पूरे देश में कर का बोझ कम होगा। उन्होंने आगे कहा, इस दिवाली को मैं आपके लिए दोहरी दिवाली बनाने जा रहा हूं। इस दिवाली, आप देशवासियों को एक शानदार उपहार मिलेगा। हालांकि अभी अधिकारिक तौर पर यह तय नहीं है कि अगली दीवाली पर लोगों को जीएसटी में राहत के नाम पर क्या-क्या ‘तोहफे’ मिलने वाले हैं।
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