मुद्दे की बात : हरियाणा से बांग्लादेशियों को निकालने पर ममता-नायब सैनी में टकराव

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पश्चिम बंगाल और हरियाणा के सीएम के बीच आरोप-प्रत्यारोप

इन दिनों हरियाणा, खासकर गुरुग्राम से अवैध तरीके से रहे बांग्लादेशियों को निकालने के मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है। वैस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने पलटवार किया। हाल ही में ममता ने कहा था कि अगर बंगाली बोलने वालों को दूसरे राज्यों में गिरफ्तार किया गया तो मैं चुप नहीं रहूंगी।

इस पर पलटवार करते मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए कोई स्थान नहीं है। सीएम ममता बनर्जी का देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अत्यंत निंदनीय है कि एक मुख्यमंत्री तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के चलते इस हद तक आ जाएं कि देश की सुरक्षा से समझौता करने लगें। दो दिन पहले ममता कहा था कि हरियाणा के गुरुग्राम में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के हमारे बंगाली भाषी लोग हिरासत में लिए रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस को हरियाणा पुलिस से पहचान पत्र तलाशी के अनुरोध के नाम पर ये खबरें मिल रही हैं। राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी लगातार इस तरह की खबरें मिल रही हैं। हमारे अधिकारियों को उनके उचित दस्तावेजों की प्रतियां मिल गई हैं।

हरियाणा सरकार के आदेशानुसार प्रदेशभर में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों की धरपकड़ चल रही है। अभी तक छह माह में तकरीबन 200 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। इन्हें पकड़ने के बाद दिल्ली में बने शरणार्थी स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है, जहां से केंद्र सरकार की टीम इनके सत्यापन सहित आगे की कार्रवाई कर रही हैं। पुलिस के मुताबिक अवैध आप्रवासियों की पहचान करने के अभियान के तहत, पुलिस घरेलू कामगारों, रेहड़ी-पटरी वालों, किराएदारों और निर्माण स्थलों पर रहने वाले लोगों की पहचान कर जांच कर रही है। इनको डिपोर्ट करने की प्रक्रिया जारी है। दूसरी ओर धरपकड़ के बीच कई संदिग्ध लोगों ने गुरुग्राम छोड़ दिया और कई सामान समेटकर वापसी की तैयारी कर रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा व्यवस्था और गृह मंत्रालाय के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस की तरफ से संदिग्ध लोगों की पहचान के लिए यह अभियान जारी है। हालांकि, अब होल्डिंग सेंटरों को खाली कर दिया गया है। शहर के अलग-अलग जोन में बनाए गए चार होल्डिंग सेंटरों में अब कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नहीं है। बंगाली मार्केट के कबीर ने पुलिस आयुक्त को शिकायत पत्र देकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ करीब 17 सालों से गुरुग्राम में रह रहे हैं। जब वह दो साल के थे तो उनकी मां का देहांत हो गया था। उन्होंने पिता को भी नहीं देखा था। वह 51 साल के हैं और भारतीय नागरिक हैं। उनका जन्म बंगाल में हुआ था। वह दो साल की उम्र में दिल्ली आ गए थे। अब कुछ समय से अलग-अलग थानों की पुलिस आकर उन्हें व उनके परिवार को परेशान कर रही है। उनके बेटे को छह दिन बाद होल्डिंग सेंटर से छोड़ा गया। इसके बाद भी कई थाने के पुलिसकर्मी आए दिन उन्हें परेशान करते हैं। बंगाली मार्केट के पास रहने वाले करीब ढाई सौ लोग गुरुग्राम छोड़कर बंगाल चले गए हैं।

यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि पुलिस बार-बार परेशान कर रही है। पकड़कर ले जाती है, मारपीट करती है। हालांकि, यहां पर ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं मिला, जिसे पुलिस ने पकड़ा हो। लोगों का कहना है कि जो लोग पुलिस से छूटकर आए वह सभी यहां से चले गए। पुलिस आयुक्त के अनुसार पकड़े गए दस बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय से पत्राचार जारी है। आगामी दिनों में एक होल्डिंग सेंटर बना संदिग्ध लोगों को वहां रखा जाएगा।

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