मुद्दे की बात : केजरीवाल बदल रहे देश में गठंबधन की परिभाषा !

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आप सुप्रीमो ने दिया ‘एकला चलो रे’ का सियासी-नारा

आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने वीरवार को अहम ऐलान किया। जिसके मुताबिक बिहार में आप अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

केजरीवाल नेअहमदाबाद में प्रेस कांफ्रेंस में दलील दी कि इंडिया एलायंस सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था। अब हमारा किसी से कोई गठबंधन नहीं है। वह गुजरात के दो दिन के दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत भी की। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के विसावदर उप-चुनाव में हमने कांग्रेस से अलग लड़कर तीन गुना ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि यह जनता का सीधा संदेश है कि अब विकल्प आम आदमी पार्टी है। आगे गुजरात में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। दिल्ली में हार पर कहा कि ऊपर-नीचे होता रहेगा। पंजाब में हमारी सरकार दोबारा बनेगी।

इसके साथ ही सियासी-जानकार चर्चा कर रहे हैं कि एक बार फिर पंजाब और गुजरात में उप चुनाव में आप की जीत से कही केजरीवाल ओवरकांफिडेंट तो नहीं हो गए हैं। दरअसल, देशभर में हर राज्य में सियासत के हिसाब से अलग सोशल-इंजीनियरिंग है। ऐसे में कहीं, केजरीवाल का आप को लेकर ‘एकला चलो रे’ वाला फैसला पार्टी के लिए भारी ना पड़ जाए। उनके निशाने पर पसंदीदा सत्ताधारी बीजेपी है। केजरीवाल ने अहमदाबाद में भी भाजपा की राज्य  सरकार हमला बोलते कहा कि उसने गुजरात को बर्बाद कर दिया है। सूरत समेत कई शहर पानी में डूबे हुए हैं। किसान, युवा और व्यापारी समेत सभी वर्ग परेशान हैं। इसके बाद भी बीजेपी गुजरात में जीतती आ रही है, क्योंकि लोगों के पास विकल्प नहीं था। साथ ही संगीन इलजाम लगाया कि कांग्रेस पार्टी को बीजेपी जिताने के लिए ठेका दिया जाता है।

वह बड़े भरोसे से बोले कि अब आम आदमी पार्टी आ गई है। जिसे लोग एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। विसावदर में जिस तरह से लोगों ने वोट दिया। ये माहौल, ये गुस्सा पूरे गुजरात के लोगों के अंदर है। मैंने कई जगह लोगों से बात की। लोगों में इसी तरह का गुस्सा है। यही गुस्सा विसावदर में देखने को मिला। बीजेपी ने कांग्रेस को भेजा था कि इनके वोट काटो। कांग्रेस ने ठीक से काम नहीं किया। बीजेपी से कांग्रेस वालों को खूब डांट पड़ी। इंडिया गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि वह अलायंस लोकसभा के लिए था। अब हमारी तरफ से कुछ नहीं है।

जनता से आप सुप्रीमो ने कहा कि मुझे सिर्फ दो साल दीजिए, ये हवन है, इसमें आहुति दीजिए। जाहिर है कि आप सुप्रीमो अब बिना गठबंधन पूरे भरोसे के साथ भावी विधानसभा चुनावों में आप को अकेले मैदान में उतारेंगे। ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अलग-अलग परिभाषाएं सही साबित कर सकें।

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