मुद्दे की बात : डंकी-रुट से विदेश जाकर जान गंवा रहे भारतीय

एक्सपोर्टरों को होगा नुकसान

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रोजगार, बेहतर भविष्य के लालच में तमाम भारतीय डंकी रुट से विदेश पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालते है। अगर वहां खैरियत से पहुंच भी जाएं तो खासकर अमेरिका और कनाडा में हिंसक-प्रवृत्ति के लोग उनको झगड़े के दौरान जख्मी करने के अलावा मार भी डालते हैं।

अब अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक घटना सामने आई। जहां हरियाणा के जींद ज़िले के 26 वर्षीय युवक कपिल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताते हैं कि कपिल ने एक व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करने से रोका था। जिस पर विवाद बढ़ गया और उस व्यक्ति ने गोली चलाई तो कपिल की मौत हो गई। यह घटना शनिवार को हुई और इससे ना सिर्फ उसका परिवार, बल्कि पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।

हरियाणा के जींद ज़िले के बराह कलां गांव का रहने वाला कपिल माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार में उसकी दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है। अपने परिवार की आर्थिक हालत सुधारने की मंशा से उसने अमेरिका जाकर सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करने लगा था। कपिल वर्ष 2022 में अमेरिका गया था, लेकिन उसका रास्ता सामान्य नहीं था। उसने वह खतरनाक और अवैध रास्ता अपनाया, जिसे आम बोलचाल में ‘डंकी-रुट’ कहा जाता है। यह एक जटिल और जानलेवा यात्रा होती है, जिसमें प्रवासी आमतौर पर दक्षिण और मध्य अमेरिका के देशों से होते हुए पैदल, नावों और ट्रकों के माध्यम से अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं। कपिल ने यह यात्रा पनामा के घने और खतरनाक जंगलों दारिएन गैप के माध्यम से पूरी की। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 45 लाख रुपये का ख़र्च आया। यात्रा के दौरान उसे गिरफ़्तार भी किया गया, लेकिन बाद में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे अमेरिका में रिहा कर दिया गया और तब से वह वहीं रह रहा था।

इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर इललीगल इमीग्रेशन और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका जैसे विकसित देश में भी भारतीय प्रवासियों को सुरक्षा की गारंटी क्यों नहीं मिल पा रही ? ऐसी घटनाओं के बाद भारतीय दूतावास और सरकारें क्या क़दम उठाती हैं ? इन सवालों के जवाब शायद जल्द ना मिलें। हालांकि यह तय है कि इस घटना ने तमाम परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया, जो अपने बच्चों को विदेश भेजने की योजना बना रहे हैं।

कपिल की मौत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि यह उन हज़ारों भारतीय युवाओं की कहानी का एक क्रूर अध्याय है ,जो बेहतर जीवन की तलाश में खतरे उठाकर विदेश जाते हैं। कपिल चला गया, लेकिन उसके जाने से जो सवाल खड़े हुए हैं, उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि सरकार और भारतीय दूतावास किस हद तक परिवार की मदद करते हैं। वहीं, क्या इस घटना के बाद ‘डंकी-रुट’ जैसे जोखिम भरे रास्तों को लेकर कोई जन-जागरूकता या कड़ी नीति अपनाई जाती है।

गांव के सरपंच सुरेश कुमार गौतम ने बताया कि कपिल अपने ड्यूटी से हटकर आराम कर रहा था। जब उसने एक व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करते देखा तो टोका। उस व्यक्ति को यह बात नागवार गुज़री, दोनों के बीच बहस हुई, जो बाद में हिंसक हो गई। गुस्साए आरोपी ने कपिल पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके परिवार को अमेरिका में रह रहे एक रिश्तेदार से इस हादसे की सूचना मिली। सरपंच ने यह भी बताया कि परिवार अब कपिल के शव को भारत वापस लाने के लिए प्रशासन की मदद मांग रहा है। इसके लिए वे जल्द ही डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात करने वाले हैं। हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे इस कठिन समय में परिवार की पूरी मदद करेगी और शव को जल्द भारत वापस लाने की प्रक्रिया में सहयोग करेगी।

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