मुद्दे की बात : इंडिया गठबंधन उप-राष्ट्रपति पद पर संयुक्त उम्मीदवार उतारेगा !

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संख्या बल में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन मजबूत, लेकिन इंडिया गठबंधन की रणनीति राजनीतिक संदेश देना

भारत में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक हल्कों में भी हलचलें जारी हैं। एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, इंडिया गठबंधन यानि विपक्षी गुट उप-राष्ट्रपति पद पर संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है।

हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को संसद में स्पष्ट संख्यात्मक बढ़त हासिल है। हालांकि इंडिया गठबंधन के सूत्रों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि यह कदम ज़रूरी नहीं कि पद जीतने को ही हो, बल्कि राष्ट्र को एक मज़बूत और एकजुट राजनीतिक संदेश देने के लिए भी हो। विपक्षी नेताओं की भावना यह है कि उन्हें अपनी प्रासंगिकता और वैचारिक एकता बनाए रखने के लिए परिणाम चाहे जो भी हों, चुनाव लड़ना चाहिए। यह घटनाक्रम बीते सोमवार उप-राष्ट्रपति धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद सामने आया। जिन्होंने आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाज़ार गर्म है। जानकारों का मानना है कि उनके जल्दी इस्तीफे के पीछे रणनीतिक कारण हो सकते हैं। धनखड़ ने अगस्त, 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका पांच वर्षीय कार्यकाल अगस्त, 2027 तक चलना था। इस्तीफे से उनका कार्यकाल छोटा हो गया है, जिससे भारत के दूसरे सबसे बड़ा संवैधानिक पद अचानक और जल्दी रिक्त हो गया।

भारत में उप-राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। जिसमें लोकसभा (निचला सदन) और राज्यसभा (उच्च सदन) दोनों के सभी सांसद शामिल होते हैं। जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। वर्तमान में दोनों सदनों की कुल प्रभावी संख्या 782 है। जीतने के लिए, एक उम्मीदवार को साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है। अर्थात, कम से कम 392 वोट, यह मानते हुए कि सभी सदस्य मतदान करते हैं। मौजूदा वक्त लोकसभा में 542 में से एनडीए के 293 और इंडिया ब्लॉक के 234 सदस्य हैं। इसी तरह, राज्यसभा के 240 प्रभावी सदस्यों में एनडीए के लगभग 130 तो इंडिया ब्लॉक के 79 मेंबर हैं। इस तरह, दोनों सदन में एनडीए के लगभग 423 वोट और इंडिया ब्लॉक के करीब 313 वोट हैं। अन्य  शेष सदस्य, जो निर्णायक वोट हो सकते हैं या मतदान से अनुपस्थित रह सकते हैं।

यह संख्यात्मक लाभ स्पष्ट रूप से एनडीए को उप-राष्ट्रपति चुनाव जीतने की मज़बूत स्थिति में रखता है। हालांकि, इंडिया ब्लॉक केवल संख्या पर ही नहीं, बल्कि सिद्धांत और राजनीतिक दृश्यता पर भी केंद्रित प्रतीत होता है। इंडिया ब्लॉक के फैसले के पीछे राजनीतिक रणनीति मानी जा रही है। यह जानते हुए भी कि वे जीत नहीं पाएंगे, इंडिया गठबंधन चुनाव में भागीदारी को एक अवसर के रूप में देख रहा है। भारतीय चुनाव आयोग ने इस चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही कार्यक्रम की घोषणा होने की उम्मीद है। यह चुनाव संवैधानिक और राजनीतिक रूप से काफ़ी महत्वपूर्ण है।

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