जहां न्यूनतम तापमान जरुरी, वहां एसी कैसे कारगर होंगे, माहिरों के बीच चर्चा जारी
देश में भीषण गर्मी के दौरान एयर कंडीशनर यानि एसी का जबर्दस्त इस्तेमाल हो रहा है। ऐस में ही भारत सरकार ने देशभर में एसी के इस्तेमाल को लेकर एक अहम घोषणा की। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गत दिनों ऐलान कर दिया कि अब एसी के तापमान का एक स्टैंडर्ड तय किया जाएगा। अब इसे लेकर नई बहस शुरु हो गई है कि आखिर सरकारी-तंत्र एसी के तापमान पर काबू पाने के लिए क्या तकनीकी कदम उठाएगा।
सरकारी फरमान के मुताबिक जिस एसी के ज़रिए घर, दफ़्तर और अन्य स्थानों में तापमान को कंट्रोल किया जाता है, उसे अब सरकारी नियमों के तहत कंट्रोल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री खट्टर के मुताबिक सरकार एक नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। जिसके तहत देशभर में सभी एयर कंडीशनर्स के तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 28 डिग्री सेल्सियस के ऊपर नहीं रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया है कि इस प्रावधान को बहुत जल्दी लागू किया जाएगा। अब यह सरकारी ऐलान भी मीडिया की सुर्खियों में बना है कि आखिर सरकार एसी का तापमान कंट्रोल कैसे कर पाएगी ? इस तकनीकी-मसले पर बीबीसी ने भी खास रिपोर्ट की। जिसमें यह जानने का प्रयास किया गया कि आखिर भारत सरकार के इस नए नियम का क्या असर होगा और इसे लागू करने में क्या चुनौतियां पेश आ सकती हैं। बकौल खट्टर, दुनिया के कई देशों में एसी के तापमान को नियंत्रित रखने को लेकर नियम हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि फ़िलहाल एसी के तापमान को 20 से 28 डिग्री रखने का फ़ैसला किया गया है। दरअसल ज़्यादा बदलाव करने से इस पर लोग सवाल भी उठा सकते हैं।
ज़ाहिर है कि सरकार की नज़र इस नियम में कुछ और बदलाव करने पर भी है। हालांकि पहले वो यह देखना चाहती है कि लोग इसे स्वीकार करें और इसे लागू किया जा सके।
फिलहाल इसकी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है कि भारत में एसी को नियंत्रित करने के लिए क्या तरीके़ अपनाए जाएंगे। बिजली और ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों पर नज़र रखने वाले सौरभ कुमार के मुताबिक यह काम मुश्किल है, हालांकि ऐसा हो सकता है। बिजली-मीटर के ज़रिए इस चीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल आपके मीटर पर जो लोड स्वीकृत है, उसके ज़रिए ही एसी में इस्तेमाल होने वाली बिजली नियंत्रित की जा सकती है। एसी का तापमान जितना कम रखा जाएगा, बिजली की खपत उतनी ज़्यादा होगी और ऐसे में नए नियम लागू हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में ऐसी व्यवस्था भी की जा सकती है कि भारतीय बाज़ार के लिहाज़ से एसी का निर्माण हो, यानि उसमें न्यूनतम और अधिकतम तापमान पहले से ही तय कर दिए जाएं।
माहिरों के मुताबिक ऐसा करने में परेशानी यह है कि ऑपरेशन थिएटर, तकनीकी मशीनों और कई उद्योगों या फ़ैक्टरी के लिए कम तापमान की ज़रूरत होती है, ऐसे में पहले से नियंत्रित और तैयार एसी से इन जगहों पर परेशानी हो सकती है। इसके अलावा ऐसा करने से पुराने एसी में नए नियम लागू करना संभव नहीं होगा और नए नियम लागू होने के बाद भी पुराने एसी के तापमान को कंट्रोल नहीं किया जा सकेगा।
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