समाज़ सेवा में व्यक्तिगत हित को त्यागकर सामूहिक हित की नीति अपनाना सच्ची सेवा
बढ़ते दमतक सेवा समितियों की आड़ में खेल-प्राकृतिक संपदा व डोनेशन का घालमेल-समाज़ सेवा में फेल सामाजिक सेवा समितियों पंचायतों व संस्थाओं को समाज़ के हितों को ध्यान में रखकर स्वार्थ त्यागकर सेवा सर्वोपरि के मूल मंत्रपर चलना ज़रूरी- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया गोंदिया- वैश्विक स्तरपर दुनियां के करीब करीब हर देश में … Read more