शादी जैसे पवित्र रिश्ते को नाचगाने,खानेंपीने,शराब दहेज तक सीमित प्रचलन से रोकना ज़रूरी
आओ शादी समारोह को पवित्र रीति रिवाजों,संस्कारों धार्मिक अनुष्ठानों से गंभीरता से पूरा करें-आधुनिकता के दंश से बचें विवाह समारोहों में बढ़ता दिखावापन,स्टेटस सिंबाल व घटते पारंपरिक रीतिरिवाजों संस्कारों धार्मिक अनुष्ठानों को समाज ने रेखांकित करना समय की मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया गोंदिया- वैश्विक स्तरपर भारत आदि अनादि काल से पौराणिक संस्कारों … Read more