गुस्ताख़ी माफ़
गुस्ताख़ी माफ़ 22.5.2024 जीत हमारी चाहिए, कुछ भी हो श्रीमान। अल्टीमेटम दे दिया, सुनें खोलकर कान। सुनें खोलकर कान, जीतना अपना मक़सद। बंदे हारे अगर, छीन लेंगे मंत्री-पद। कह साहिल कविराय, अगर है कुर्सी प्यारी। चाहे कुछ भी करें, चाहिए जीत हमारी। प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल