केंचुआ किल्लोल के निहितार्थ
आप अन्यथा न लें जब तक लोकतंत्र के साथ मतदाताओं और राजनीतिक दलों के सात फेरे पूरे नहीं हो जाते मुझे विवश होकर सियासत के आसपास ही रहना पड़ रहा है। लोकतंत्र के साथ पहली भांवर के बाद से ही राजनीतिक दलों और नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी थी । आज लोकतंत्र … Read more