गुस्ताख़ी माफ़
गुस्ताख़ी माफ़ 28.12.2024 प्रिय हीरो की उम्र सुन, कन्या है हैरान। निकले पापा से बड़े, अपने सल्लू ख़ान। अपने सल्लू ख़ान, लोग खा जाते गच्चा। लगा साठवां साल, बताते ख़ुद को बच्चा। कह साहिल कविराय, बड़े हैं इनके लफड़े। कटा-वटा कर सींग, बने फिरते ये बछड़े। प्रस्तुति —- डॉ. राजेन्द्र साहिल