सोचना मत जोर कितना बाजुए कातिल में है
लिखना तो नहीं चाहिए ,लेकिन लिख रहा हूँ ,क्योंकि नहीं लिखूंगा तो अपराध बोध सताता रहेगा। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे ठीक वैसे ही आये हैं जैसे मै सोच रहा था । मैंने पहले ही कहा था कि -‘ जब हथेली पर आम उगाया जा सकता है तो बर्फ में कमल भी खिलाया … Read more