कर्नाटक हाई कोर्ट ने X Corp की याचिका खारिज की, सोशल मीडिया पर ‘विवादित स्वतंत्रता’ को नकारा

नई दिल्ली 24 सितम्बर : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनी X Corp (पूर्व में Twitter) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत सरकार द्वारा “सहयोग पोर्टल” के माध्यम से कंटेंट हटाने (takedown) के आदेशों को चुनौती दी थी। X Corp का तर्क था कि इस प्रक्रिया में आईटी एक्ट … Read more

ट्रंप का नया एच-1बी वीजा वार – भारतीय प्रोफेशनल्स पर गहरी चोट या भारत के लिए ब्रेन गेन का अवसर?

ट्रंप के इस फैसले को अदालत में चुनौती देने की तैयारियां- अमेरिकी कंपनियां और अप्रवासी अधिकार संगठन इसे भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक मानते हैं।   अब तक भारत से “ब्रेन ड्रेन”होता रहा है, टैलेंटेड युवा विदेश जाकर अपनी क्षमताएं वहीं इस्तेमाल करते थे।अब नया परिदृश्य ब्रेन गेन बन सकता है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र … Read more

वैश्विक भारतीय समुदाय, अंतरराष्ट्रीय मूल भारतीय अपने- अपने पितरों को अंतिम विदाई का भावपूर्ण क्षण

पितरों को भावपूर्ण,अश्रु-युता विदाई-चिट्ठी ना कोई संदेश ना जाने कौनसा देश जहां तुम चले गए-सर्वपितृ अमावस्या,की ग्राउंड रिपोर्टिंग व अंतरराष्ट्रीय- स्तरीय विवेचन   सर्वपितृ अमावस्या सिर्फ एक तिथि अथवा धार्मिक अनुष्ठान नहीं है;यह उन अनगिनत रिश्तों, यादों और ऋण-भावनाओं का संगम है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र   गोंदिया-भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तरपर … Read more

पार्टी नेता अपने शीर्ष नेता को “देश का सबसे बड़ा जननायक”, “विश्वगुरु” या “लोकतंत्र का रक्षक” बताकर जयघोष करते हैं।

आत्मप्रशंसा,चापलूसी और स्वाभिमान का राजनीतिक समीकरण-भारतीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक गहन विश्लेषण   “आत्मप्रशंसा का बाजार” राजनीति में इतनी गहराई तक घुस चुका है कि अनेकों नेताओं के वास्तविक गुण दब जाते हैं और केवल कृत्रिम छवि ही जनता के सामने प्रस्तुत होती है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र   गोंदिया – वैश्विक … Read more

शारदीय नवरात्रि 2025 – गज पर सवार होके आजा शेरांवांलिएं – शेरावांलिएं मां ज्योतावांलिएं

नवरात्रि अब केवल भारत का त्योहार नहीं रहा, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया है।   शारदीय नवरात्रि पर्व याद दिलाता है कि महिला केवल परिवार की आधारशिला ही नहीं, बल्कि समाज की रक्षक और ऊर्जा का स्रोत भी है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र   गोंदिया-वैश्विक स्तरपर आदि अनादि काल से … Read more

पार्टी नेता अपने शीर्ष नेता को “देश का सबसे बड़ा जननायक”, “विश्वगुरु” या “लोकतंत्र का रक्षक” बताकर जयघोष करते हैं

आत्मप्रशंसा,चापलूसी और स्वाभिमान का राजनीतिक समीकरण-भारतीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक गहन विश्लेषण   पार्टी नेता अपने शीर्ष नेता को “देश का सबसे बड़ा जननायक”, “विश्वगुरु” या “लोकतंत्र का रक्षक” बताकर जयघोष करते हैं।   “आत्मप्रशंसा का बाजार” राजनीति में इतनी गहराई तक घुस चुका है कि अनेकों नेताओं के वास्तविक गुण दब जाते हैं … Read more

झूठ की रफ्तार और सच की धीमी चाल-राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक गहन विश्लेषण

“जब सच अपने जूते के फीते बाँध रहा होता है, तब तक झूठ पूरी दुनियाँ का चक्कर लगा चुका होता है।”   आज की चुनौती यही है कि लोकतंत्र, मीडिया और तकनीक मिलकर सच की यात्रा को तेज़ और झूठ की गति को धीमा करें- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र   गोंदिया – वैश्विक … Read more

नशा समाज को खोखला कर देता है और राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है।

नशा मुक्त भारत@2047-एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स और एनसीओआरडी की भूमिका-एक अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य   “नशा समाज को खोखला कर देता है और राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है।”   ड्रग्स की समस्या केवल एक विभाग या एजेंसी की जिम्मेदारी नहींहै,बल्कि पूरे समाज,सरकार और नागरिकों का सामूहिक दायित्व,होल ऑफ़ द गवर्नमेंट एप्रोच है- एडवोकेट किशन सनमुखदास … Read more

ट्रंप के लाडले का मर्डर क्यों? -दुनियाँ के सामने सबसे बड़ा सवाल ?

राजनीतिक मतभेद अब सिर्फ भाषणों या विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हिंसा का रूप ले रहे हैं? -चार्ली कर्क की हत्या एक गंभीर संकेत है   वक्तव्य देते समय वक्ताओं, मीडिया, नेताओं की जिम्मेदारी होती है कि भाषा संयमित हो, उत्तेजना कम हो,लेकिन सक्रिय आलोचनाएँ हों,यह लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है- एडवोकेट किशन … Read more

नेपाल सहित पड़ोसी मुल्कों में राजनीतिक अस्थिरता और भारत पर इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव:-एक गहन विश्लेषण

आधुनिक युग में राजनीति केवल सड़कों और संसद तक सीमित नहीं है,बल्कि उसका एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया एल्गोरिथ्म द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।   नेपाल सहित पड़ोसी मुल्कों में लगातार सत्ता संकट,विद्रोह या गृहयुद्ध जैसी स्थिति का सीधा असर भारत की सीमाओं,सुरक्षा और आंतरिक राजनीति पर पढ़ने की संभावना?- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी … Read more