करों नमन हैं 15 अगस्त.
करों नमन हैं 15 अगस्त. संग्राम में सब हो गए राम-राम न जाने कितनों की जानें गई, मजबूरी में कितने हुए गुलाम. कितने लटके फाँसी पर, सीने पर गोलियाँ जिसने खाई. वतन को आज़ाद कराने में, लुटा गए सब अपनी पाई-पाई. इस तिरंगे की शान में यारों किस-किसका लहू बहाँ, तब लाशों के खूब … Read more