संघ ‘ की मांग में ‘ उधार का सिन्दूर ‘
आज के आलेख का शीर्षक पढ़कर आप मुझे संघ यानि आरएसस का विरोधी न समझ लें । मै संघ से असहमत हो सकता हूँ लेकिन उसका धुर विरोधी नहीं। दुनिया में मेरे अनेक संघी मित्र हैं और मित्र ही नहीं, अभिन्न मित्र हैं ,क्योंकि वे गुरु गोलवलकर की तरह जखड्डी नहीं बल्कि रज्जू भैया की … Read more