भोपाल की गैस दुर्घटना : प्रलय सा दृश्य
दिनेश चंद्र वर्मा दो दिसम्बर 1984 की रात को भोपाल में एक कुहराम मच गया और ढाई हजार से ज्यादा जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश हो गईं, सैकड़ों लोगों की आंखों के आगे अंधेरा छा गया। हजारों लोग बेसहारा हो गए। विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण की इस घटना से संपूर्ण विश्व से एक … Read more