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कविता : आया है शिव मास सखी री

आर.सूर्य कुमारी आया है शिव मास सखी री , आया है शिव मास । आसमान पर बादल मंडराए , रिमझिम – रिमझिम पानी बरसाए जगत की शिलाओं का — होता है अभिषेक सखी री , होता है अभिषेक । आया है शिव मास सखी री , आया है शिव मास। हरियाली में जग सारा है … Read more

पुस्तक चर्चा : संभवामि युगे युगे

विवेक रंजन श्रीवास्तव श्रीमद्भगवत गीता के चौथे अध्याय के आठवें श्लोक परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे॥ से श्री कुमार सुरेश ने किताब का शीर्षक लिया है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि दुष्टों के विनाश के लिये मैं हर युग में हर युग में फिर फिर जन्म लेता हूं। विदेशी आक्रांताओ के … Read more

मोहम्मद रफी : जाने वाले कभी नहीं आते…

हरीश दुबे कहता है कोई दिल गया, दिलबर चला गया साहिल पुकारता है, समंदर चला गया। लेकिन जो बात सच है, वो कहता नहीं कोई दुनिया से मौसकी का, पयम्बर चला गया॥ यह पंक्तियां संगीतकार नौशाद ने उस समय कही थी, जब इस सदी के मशहूर गायक स्व. मोहम्मद रफी को दफनाया जा रहा था। … Read more

राजनीतिक दोषारोपण की भेंट चढ़ती होनहार युवाओं की मौत

मनोज कुमार अग्रवाल   भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुन कर आईएएस ,आईपीएस बनकर देश को चलाने वाले सिस्टम का अंग बनने का सपना संजोकर अपने घर परिवार शहर से सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर कोचिंग करने आए तीन युवाओं को कोचिंग संस्थानों की अधिकाधिक कमाई करने और प्रशासन की घातक लापरवाही के कारण असमय अपनी जान … Read more

समाज़ सेवा हो तो ऐसी..सेवादारी मंडल जैसी… 

ऐसी सेवा,जो मानव की मृत्यु होने पर उसकी बॉडी से लेकर..पूरे क्रियाकर्म व अंतिम संस्कार तक   सेवादारी मंडल के सेवादारियों को सैल्यूट-1981 में मंडल के गठन से लेकर आज तक प्रचार पद मैं मैं का स्वार्थ व मोह नहीं देखा -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया   गोंदिया- वैश्विक स्तरपर सेवा एक ऐसी क्रिया है … Read more

लोकसभा 45 मिनिट का चक्रव्यूह और राजनीति

चक्रव्यूह महाभारत के समय का हो या कलियुग का खतरनाक होता है। कलियुग की बल्कि मोदी युग की सियासत कमलाकार चक्रव्यूह में फंसी है। सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 45 मिनिट तक मौजूदा सियासी चक्रव्यूह पर जब लगातार बोला तो सत्तापक्ष के हौसले कमजोर होते दिखाई दिए। लोकसभा अध्यक्ष तक … Read more

वह सावन…..और यह सावन !

*वह सावन…..और यह सावन!*   वे झूले… पंछी, वह कच्चा आंगन! अब… कंकरीट के जंगल हैं.. खो गई महक वह.. मनभावन!   *विनीता जॉर्ज* *मरवाही छत्तीसगढ़*   सावन आ गया है और बरस भी रहा है, जैसे बरसता आया है…पर वह त्योहारी शिद्द्त… वह रिश्तों की हरियाली…बरगद, नीम की वह डाली और झूले पर वह … Read more

भारतवंशी कमला हैरिस बनाम डोनाल्ड ट्रंप-सर्वे में कांटे की टक्कर?

भारतीयों पर पहले विदेशी राज करते थे,अब शक्तिशाली देशों का नेतृत्व भारतीय कर रहे हैं कमला हैरिस की जड़ें भारतीय परंपराओं से जुड़ी है- पूर्वजों के गांव थुलसेन्द्रपुरम में मिठाइयां बांटकर खुशियों के इजहार में भारतीयता की झलक सराहनीय -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां में बदलते राजनीतिक परिपेक्ष की … Read more

कांवड़ों के लिए पर्देदारी का मतलब

भारत के नीति आयोग की नौवीं बैठक से बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी के बहिष्कार की बात करने से ज्यादा महत्वपूर्ण कांवड़ यात्रियों केलिए यूपी में की जा रही पर्देदारी की बात करना जरूरी है। यूपी की सरकार और जिला प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर श्रवणकुमार से भी ज्यादा संवेदनशील नजर आ रही है … Read more

प्राचीन धार्मिक साहित्य में चिकित्सकीय वर्णन

विवेक रंजन श्रीवास्तव   मनुष्य प्रकृति की अनुपम कृति है। मनुष्य मूलत: बुद्धि जीवी प्राणी है। स्वाभाविक है कि मनुष्य की प्रयोगवादी प्रवृति के चलते उसे स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई खतरों और बीमारियों का सामना करना पड़ता रहा है। यहीं चिकित्सा का प्रारंभ होता है। प्राकृतिक चिकित्सा सर्वप्रथम औषधीय प्रयास है। प्राकृतिक चिकित्सा … Read more