प्रगतिशील काव्यधारा के प्रख्यात कवि बाबा नागार्जुन
कुमार कृष्णन नागार्जुन मेरे प्रिय कवि रहे हैं। उनको गुजरे 26 साल हो गए। उनकी कविताओं की प्रासंगिकता आज भी है। भले ही वे किसी कालखंड में लिखी गयी हो। कई बार उनसे मिलने का मौका मिला। पहली बार उनसे भागलपुर के भगवान पुस्तकालय में मिला। उनसे मेरा परिचय हिन्दी के सुप्रसिद्ध समालोचक डाॅ. … Read more