आज का युवा तकनीकी रूप से आधुनिक है, लेकिन मानसिक स्तरपर अक्सर पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित है।
भारत का ज्ञान-सागर अनंत है, वैदिक साहित्य केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं थे,बल्कि उनमें जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा विज्ञान समाहित था जब तक हम युवाओं को अपनी हज़ारों साल पुरानी परंपरा,ज्ञान और संस्कृति को नहीं बताएँगे, हम वैसे ही रहेंगे जैसे अंग्रेजों ने हमें दिखाए हैं-एडवोकेट किशन सनमुख दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र … Read more