हरियाना/यूटर्न/14 अगस्त: चंडीगढ़ पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन बुधवार को भी जारी है। रेजिडेंट डॉक्टर सुबह से एकत्र होकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। पीजीआई प्रशासन ने नए पंजीकरण न होने व फॉलोअप के मरीजों को देखे जाने की बात कही गई थी। लेकिन जिन मरीजों का दो साल से पीजीआई में इलाज चल रहा है वे भी यहां-वहां धक्के खाते नजर आए। इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर में इलाज प्रभावित नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ जीएमसीएच 32 में दोपहर एक बजे के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी समेत अन्य वैकल्पिक सेवाएं ठप कर प्रदर्शन शुरू किया। जीएमएसएच 16 में इलाज बाधित किए बिना रेजिडेंट दो घंटे के लिए काम से विरत रहे। इस कारण वहां मरीजों को परेशानी नहीं हुई।
पीजीआई के फैकल्टी ने भी दिया समर्थन, निकाला मार्च
रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में पीजीआई फैकेल्टी एसोसिएशन भी उतर गया है। इसके तहत संस्थान के सभी फैकेल्टी ने काली पट्टी बांधकर ओपीडी में मरीज देखें। वहीं ओपीडी के बाद निदेशक कार्यालय के बाहर एकत्र होकर घटना पर रोष जताया। मार्च निकाल कर न्याय की मांग की। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धीरज खुराना का कहना है कि वे रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में हैं। लेकिन वे मरीजों का इलाज बाधित नहीं होने देंगे।
सर्जरी की संखया आधे से भी कम
पीजीआई में मंगलवार को 89 सर्जरी हुई, जो सामान्य दिनों की तुलना में आधे से भी कम है। सामान्य तौर पर एक दिन में 200 से 225 सर्जरी की जाती है। वहीं 137 मरीज भर्ती किए गए। जबकि सामान्य तौर पर लगभग 250 मरीज प्रतिदिन भर्ती किए जाते हैं। इस कारण जिन मरीजों को पहले से सर्जरी की डेट दी गई थी उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इलेक्टिव सर्जरी के लिए भर्ती मरीजों को अगली डेट देकर डिस्चार्ज किया जा रहा है।
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