मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ सरकार क्या कदम उठाएगी ?
चंडीगढ़, 22 जुलाई। यूं तो केंद्र के साथ ही तमाम राज्य सरकारें लोगों की सेहत को लेकर चिंता जताती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बेहद खतरनाक है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि हिमाचल प्रदेश की 31 दवा कंपनियां घटिया स्तर की 59 दवाइयां बना रही हैं।
लोगों की जिंदगी से जानलेवा खिलवाड़ !
यह चिंताजनक खुलासा भारत की दवा निर्माण प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर चिंताएं पैदा करता है। बाकायदा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने अपने नवीनतम मासिक अलर्ट में 59 दवा नमूनों को घटिया घोषित किया है। इनमें संक्रमण, पुरानी बीमारियों और विटामिन की कमी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक दवाइयां शामिल हैं, जो मरीजों के लिए लाइफ-लाइन हैं। सबसे चिंताजनक, पोविडोन-आयोडीन घोल का समावेश है, जो घावों के उपचार और शल्य चिकित्सा से पहले कीटाणुशोधन के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीसेप्टिक है। माहिरों के मुताबिक इसे खुले घावों पर लगाया जाता है। सभी चिह्नित दवाएं 31 दवा कंपनियों से आती हैं। जिनमें से कई बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, सोलन और पांवटा साहिब जैसे प्रसिद्ध औद्योगिक केंद्रों में बनती हैं। चिंताजनक मामला बद्दी स्थित एक कंपनी का है, जिसकी बीपी कंट्रोल करने वाली गोलियां गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं।
सीडीएससीओ की यह सूची केवल अस्पष्ट या कम इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को ही लक्षित नहीं करती है। इसमें विटामिन बी12 की कमी के लिए मिथाइलकोबालामिन इंजेक्शन, रक्तस्राव नियंत्रण के लिए ट्रैनेक्सैमिक एसिड, कैल्शियम ग्लूकोनेट, विटामिन सी, आयरन सुक्रोज और यहाँ तक कि जीवाणुजनित त्वचा संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाला म्यूपिरोसिन मरहम भी शामिल है। ये ऐसी दवाएँ हैं जो हर दिन हज़ारों नुस्खों में शामिल होती हैं।
नालागढ़ स्थित एक फर्म गुणवत्ता आश्वासन में विफलता की एक मिसाल है। जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी-3 की गोलियों के छह बैचों सहित 14 नमूने कम पाए गए। राज्य औषधि नियंत्रक ने कहा है कि चिह्नित सभी दवा नमूनों को वापस ले लिया जाएगा और उनके मूल कारणों की जांच की जाएगी। हालांकि यह प्रतिक्रिया ज़रूरी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। भारत की दवा क्षेत्र में महारत की अक्सर विश्व स्तर पर प्रशंसा होती है। दुनिया की फार्मेसी कहे जाने वाले देश के लिए, गुणवत्ता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
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