यूपी से काबू किए डिजिटल अरेस्ट करने वाले, सीबीआई अफसर और जज बनकर धमकाया था
चंडीगढ़, 11 जून। अब समझ जाइए, सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार आगाह करने के बावजूद लोग साइबर-ठगी का शिकार हो रहे हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक बुजुर्ग चीफ आर्किटेक्ट से 2.5 करोड़ रुपए की ठगी हो गई थी, हालांकि यह मामला पुलिस ने सुलझा लिया।
जानकारी के मुताबिक साइबर सैल की प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी के नेतृत्व में टीम इस मामले की जांच कर रही थी। आरोपियों ने महिला को डिजिटली अरेस्ट करने और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर यह ठगी की थी। अब पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही दावा है कि जल्द ही आरोपियों से ठगी गई रकम बरामद कर बाकी आरोपी भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने यूपी के हाथरस व आगरा से दो आरोपी धर्मेंद्र सिंह व राम किसन रामू को गिरफ्तार किया। फिर सहारनपुर से तीसरा आरोपी साकिब पकड़ा।
साकिब ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने नाम पर खाता और फर्म खोली और अपने साले व अन्य साथियों को धोखाधड़ी के लिए उपयोग करने दिया। इसके बदले उसे 10% कमीशन मिलता था। वहीं, पीड़ित महिला ने बताया कि 3 मई को उन्हें फोन करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताते कहा कहा कि उनके सिम कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसके बाद, एक वॉट्सऐप वीडियो कॉल आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को विजय खन्ना पुलिस अधिकारी बताते कहा कि उनके नाम पर दो गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं। यह मामला जेट एयरवेज के सीईओ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है। फिर आरोपियों ने सीबीआई के अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट के जज बनकर फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखा धमकाया।
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