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मिठाइयों और गिफ्ट बेचने वाली फर्मों पर राज्यकर विभाग की नजर

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गाजियाबाद, 20 मार्च। तेल, घी, मिठाइयां, उपहार और रंगों का कारोबार करने वाली फर्मों पर राज्यकर विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। होली पर ऐसी फर्मों का कारोबार तो बढ़ जाता है, लेकिन अधिकांश फर्मों की जीएसटी रिटर्न में इसका असर नहीं दिखाई देता। दो दिन पहले ही राज्यकर विभाग ने आंबेडकर रोड स्थित घी-तेल का कारोबार करने वाली फर्म पर छापा मारकर टैक्स चोरी पकड़ी है। ऐसे में अब ऐसी बड़ी फर्मों पर निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ रेकी भी कराई जाएगी।

दरअसल, होली या अन्य त्योहारों के आसपास ऐसी फर्मों की दो से तीन गुना तक विक्री बढ़ा जाती है, लेकिन फर्म टर्नओवर को कम दशार्ती है। बिना बिल के माल की बिक्री कर जीएसटी चोरी की जाती है। बीते साल दीपावली के आसपास भी राज्यकर विभाग ने ऐसी कई फर्मों पर कार्रवाई की थी जिन्होंने टर्नओवर कम दर्शाकर टैक्स चोरी की थी। जोन-दो के अपर आयुक्त (ग्रेड-1) दिनेश मिश्रा का कहना है कि दुकानदारों से सामान का बिल जरूर दिए जाने के लिए अपील की जा रही है। उनका कहना है कि टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई के लिए विभाग की टीमों को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग के कर्मचारी ऐसी फर्मों के व्यापार स्थलों पर जाकर रेकी भी करेंगे जहां जीएसटी चोरी की संभावना होगी।

तीन माह पहले भी पान मसाला कंपनी का जीएसटी चोरी का माल हुआ था बरामद

– सीजीएसटी की टीम ने ट्रांसपोर्टर के ठिकानों पर छापा मारकर पकड़ा था 8 करोड़ का माल

– तीन में से दो कंपनियों ने टैक्स की रकम जमा कर वापस ले लिया था माल

गाजियाबाद। पान मसाला कंपनी के ठिकानों पर केंद्रीय जीएसटी की टीम ने छापामारी की तैयारी करीब दो महीने पहले ही तय कर ली थी। करीब ढाई महीने पहले एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के दो ठिकानों से मिले 8 करोड़ के पान मसाला, खैनी के बाद से ही यह कंपनी रडार पर थी। यह माल तीन कंपनियों का था, जिसमें से दो कंपनियों ने जीएसटी की रकम और जुमार्ना चुकाकर माल छुड़ा लिया था, लेकिन कमला पसंद कंपनी के माल को कोई छुड़ाने ही नहीं पहुंचा था। इसके बाद से सीजीएसटी की टीम ने इस कंपनी पर निगरानी बढ़ा दी थी। सीजीएसटी के अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से कंपनी बिना दस्तावेजों के माल प्रदेश और पड़ोस के अन्य राज्यों में भेज रही थी। इसके माध्यम से बड़ी रकम टैक्स के रूप में चोरी की जा रही थी।

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