पंचकूला में आज होगा राज्य स्तरीय ग्राम उत्थान सम्मेलन

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मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी करेंगे उद्घाटन

41,591 नए लाभार्थियों को प्रदान की जाएगी सामाजिक सुरक्षा पेंशन

चंडीगढ़, 23 मार्च – हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं को अधिक सक्षम और जनहितकारी बनाने के उद्देश्य से 24 अप्रैल, 2025 को पंचकूला स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में राज्य स्तरीय ग्राम उत्थान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन में मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार करेंगे।

यह सम्मेलन कई मायनों में खास होगा। एक ओर जहां इस सम्मेलन में पंचायतों की कार्यप्रणाली, फंड के उपयोग और विकास कार्यों की रियल-टाइम जानकारी के संबंध में जानकारी मिलेगी, वहीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लाभार्थियों को भी बड़ा तोहफा मिलेगा। इस सम्मेलन के दौरान ही, मुख्यमंत्री द्वारा मार्च महीने में पहचान किए गए 41,591 नए लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण भी किया जाएगा। यह कदम प्रदेश के पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की दिशा में एक और मजबूत प्रयास है।

गौरतलब है कि, वर्तमान में हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 34,95,507 पात्र लाभार्थियों को पेंशन  / वित्तीय सहायता का लाभ पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में प्रदान किया जा रहा है।

महिला पंचायती प्रतिनिधियों की उल्लेखनीय भागीदारी बनेगी सशक्तिकरण का प्रतीक

यह आयोजन ग्रामीण विकास, प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा। सम्मेलन में प्रदेशभर से हजारों की संख्या में पंचायती राज प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे, जिनमें महिला प्रतिनिधियों की विशेष और उल्लेखनीय भागीदारी देखने को मिलेगी। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण होगा।

इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाना ही नहीं है, बल्कि राज्य भर के जनप्रतिनिधियों, विशेषकर महिला प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी देकर उन्हें और अधिक प्रभावशाली तथा आत्मनिर्भर बनाना भी है। यह कदम पंचायतों की निर्णयात्मक भूमिका को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

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