लखविंदर जोगी
चंडीगढ़ 21 जुलाई : जनता को बता दें कि जन हितैषी न्युज यूटर्न टाईम के हमारे रिपोर्टर लखविंदर जोगी, लेखक व टी सीरीज भजन गायक भी हैं जिनको लक्खा चंचल जोगी के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने आज 21 जुलाई 2024 को गुरु पुर्णिमा पर विशेष, आप लोगों के लिए सतगुरू अमृत चालीसा लिखा है!
*सतगुरू*
*अमृत चालीसा*
*लेखक व भजन गायक*
*लक्खा चंचल जोगी*
सतगुरु मेरे है ज्ञान के सागर
गुरु ज्ञान से मन हुआ उजागर
जय श्री गुरु गोबिंद हरी राम
जय श्री गुरु गोबिंद हरी राम
गुरू ही पिता है गुरू ही है माता
गुरु ही बंधु सखा गुरू ही भराता
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
प्रगट हुए साहिब सतगुरु मेरे
तेज प्रताप धारा सुन्दर शरीरे
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
विद्यावान गुणवान ज्ञानी ध्यानी
धीर बल बुद्धि हैं अति दयावानी
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
राम का नाम गुरु जप्पे जपाए
पूर्ण गुरू ऐसा कहां मिल पाए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
सोह सोह तू जपले मन मेरे
सतगुरू रहेंगे तेरे चार चुफेरे
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
सतगुरू पर रख पूर्ण विश्वास
सेवा कर गुरू की रह गुरू पास
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
सब सुख मिलेगा प्रभु की सरना
प्रभु हो सहाई तो काहे को डरना
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
ना कोई रोग लगे ना कोई पीरा
जपलो राम हरी गोविंद फकीरा
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
हर संकट से सतगुरू बचाए
मन कर्म वचन से ध्यान लगाए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
मन मे मनोरथ जो कोई लाए
साहिब सतगुरु से लो फल पाए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
दीन दुखी गरीब संतन के रखवारे
राम हरी गोविंद ही है गुरू प्यारे
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
कुल देवी देवता कुल के गुरू पीर
राम हरि गोविंद हैं सतगुरू शरीर
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
रिद्धि सिद्धि निधि और बुद्धि पाए
गुरू हरि राम गोविंद रब दे मिलाए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
गुरू भगत राम फ़कीर सीतल ज्ञान
तेज प्रकाश बसे मस्तक मेरे आन
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
नेक कर्म करके सतगुरू ले पाए
जन्म जन्म के पाप दुख बिसराए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
नित पाठ करेगा मन लगा जो कोई
सभी बंधनों से मुक्क्त जाएगा होई
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
सतगुरू अमृत चालीसा जोभी पढ़ेंगे
राम हरि गोविंद काजि फतेह करेंगे
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
गुरू ऋषि मुनि जोगी हरि को पाए
राम हरी गोविंद गुरू प्रगट हो जाए
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
गुरू कुल गुरू सदा ध्यान करूं तेरा
राम हरि गोविंद गुरू हिरदे करें बसेरा
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम
जय श्री गुरू गोविंद हरी राम