चंडीगढ़ 23 सितंबर। पंजाब की जनता के लिए बड़ी राहत वाली खबर है। सूबे में जल्द ही लोगों को नगर निकायों से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ा करेंगे।
जानकारी के मुताबिक पंजाब म्युनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी यानि पीएमआईडीसी जल्द ही एम-सेवा एप का विस्तार कर रही है। जहां एक ही प्लेटफॉर्म पर अब सभी सेवाएं मिलेंगी। साथ ही नई सेवाओं को भी ऑनलाइन किया जा रहा है। प्रदेश में अब पानी और बिजली की एनओसी और पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस के लिए भी ऑनलाइन ही आवेदन किया जा सकेगा। वर्ल्ड बैंक से भी इस परियोजना के लिए फंडिंग की जा रही है। एक साल के अंदर विभाग इसका काम पूरा करेगा।
बताते हैं कि अगर म्युनिसिपल लिमिट के अंदर कोई अपनी संपत्ति बेचना चाहता है तो उसे पानी, सीवरेज, बिजली व नगर निकायों के अलग-अलग विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है। अभी फिलहाल अलग-अलग विभागों के पास जाकर इसके लिए आवेदन करना होता है, जिसके चलते अक्सर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नया सिस्टम लागू होने के बाद सिर्फ एम-सेवा एप पर एक बार आवेदन करना होगा। सभी विभाग खुद ही सिटीजन चार्टर के तहत तय समय के अंदर एनओसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
इस सुविधा के तहत पैट डॉग लाइसेंस ऑनलाइन जारी करने की यह सुविधा फिलहाल मोहाली में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर दी जा रही है। जिसे पूरे राज्य में लागू किया जाना है। कम्युनिटी सेंटर बुकिंग के लिए भी एप्लीकेशन तैयार की जाएगी, जिसे एम-सेवा के साथ जोड़ा जाएगा। इसी तरह कचरा संग्रहण शुल्क का भुगतान करने की सुविधा भी ऑनलाइन दी जाएगी। एम-सेवा एप पर ई-चालान सिस्टम भी शुरू किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों व बिल्डिंग वॉयलेशन के चालान भी ऑनलाइन ही जमा करवाए जा सकेंगे, जिससे विभागों को अपना रिकॉर्ड मेंटेन रखने में भी मदद मिलेगी। अभी फिलहाल चालान काटने व जुर्माने के भुगतान का पूरा सिस्टम ऑफलाइन है।
पानी-सीवरेज कनैक्शन भी बंद करा सकेंगे :
इसी तरह अब पानी व सीवरेज कनेक्शन बंद करने की भी ऑनलाइन ही सुविधा दी जाएगी। लोग अस्थायी रूप से भी पानी का कनेक्शन बंद करवा सकेंगे। फिलहाल अगर कोई विदेश या अन्य काम से बाहर जाना चाहता है तो उसे उपयोग न करने के बावजूद पानी व सीवरेज के बिल का भुगतान करना पड़ता है। अब लोग स्थायी व अस्थायी रूप से भी कनेक्शन बंद करवा सकेंगे। इसी तरह दुकानदारों, व्यापारियों व अन्य लोगों को विज्ञापन लगाने की अनुमति देने की प्रक्रिया भी अब ऑनलाइन की जा रही है। ऑनलाइन ही इसकी फीस जमा करवानी होगी। नगर निकायों की संपत्ति के रेंट व लीज
मनी को वसूलने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। इससे विभाग का रिकॉर्ड मेंटेन होगा। अभी फिलहाल लोग रेंट जमा नहीं करवाते हैं।
निकायों का राजस्व बढ़ाना लक्ष्य : परियोजना का प्रमुख मकसद सभी विभागों की सेवाओं को एक साथ जोड़ना है, जिसमें रेवन्यू रिकॉर्ड भी शामिल है। इससे नगर निकायों के राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रॉपर्टी टैक्स का सही डाटा जुटाने में मदद मिलेगी। प्रॉपर्टी डाटा व सर्वे रिपोर्ट्स को एम-सेवा पर लाया जाएगा। नागरिक सुविधा केंद्र, सेवा केंद्रों व सीएम डैशबोर्ड को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। पूरी परियोजनाओं के लिए पीएमआईडीसी की तरफ से एक केंद्रीकृत हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा, जिसके जरिए लोगों को वेब व मोबाइल बेस्ड एप से शिकायत दर्ज करवाने की सुविधा दी जाएगी।