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चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा परियोजना अटकी, हरियाणा सरकार से नहीं मिला जवाब

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चंडीगढ़ 10 अक्टूबर। चंडीगढ़ प्रशासन की नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना हरियाणा सरकार से प्रतिक्रिया न मिलने के कारण बाधित हो गई है। प्रशासन का उद्देश्य 2030 तक शहर के सभी सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाना और 2047 तक चंडीगढ़ को 100% नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करना है। इस दिशा में प्रशासन ने सरकारी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। हालांकि, हरियाणा सरकार से इस योजना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह महत्वाकांक्षी परियोजना अटकी पड़ी है।

सरकारी आवासों पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव
प्रशासन ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को पत्र लिखकर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाने की अनुमति मांगी थी। पंजाब सरकार ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सहमति जताई है कि वह अपनी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी, लेकिन हरियाणा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकार क्षेत्र में लगभग 700 सरकारी इमारतें हैं, जिनमें कार्यालय और आवासीय इकाइयां शामिल हैं। इनमें सैक्टर-39 में स्थित सरकारी आवास भी आते हैं, जिन पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव है।

BEE ने दी 5-स्टार रेटिंग
चंडीगढ़ प्रशासन का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2024 तक सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का है। फिलहाल, प्रशासन ने 3,771 इमारतों में रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित कर दिए हैं, और 2,949 इमारतों में काम चल रहा है। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से सरकारी इमारतों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें चंडीगढ़ के कई प्रतिष्ठित भवन शामिल हैं, जैसे सेक्टर-19 स्थित पर्यावरण भवन, जिसे 276 kWp की क्षमता वाले सोलर प्लांट के जरिए ‘नेट ज़ीरो’ बनाया जा चुका है। इस भवन को बीईई (BEE) द्वारा 5-स्टार रेटिंग भी दी गई है।

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