एसई संजय कंवर समेत कई अफसरों पर एक और घोटाला करने के आरोप
लुधियाना 10 अगस्त। लुधियाना नगर निगम के एसई संजय कंवर पर एक और घोटाला करने के आरोप लगे हैं। यह घोटाला भी लाखों का नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का किया गया है। जिसमें पसंदीदा सोहम कंस्ट्रक्शन कंपनी को नया लुक प्लांट लगाने पर एनलिस्टमेंट 50 लाख करने की जगह सीधा दो करोड़ की करने के आरोप लगे हैं, ताकि बाद में कंपनी को दो करोड़ तक के टेंडर के जरिए काम दिए जा सके। जबकि नियमों के मुताबिक ऐसे सीधे एनलिस्टमेंट हो ही नहीं सकती। जिसमें एसई संजय कंवर समेत कई अफसरों द्वारा आपसी सेटिंग करके कमीशन लेकर यह पूरा खेल करने की चर्चाएं हैं। इस संबंध में लुधियाना हॉट मिक्स प्लांट वेलफेयर सोसायटी की और से विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना और नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को शिकायत दी गई है। जिसमें सीधे तौर पर एसई संजय कंवर पर अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल करने के भी आरोप लगाए गए हैं। वहीं सोसायटी का कहना है कि इस मामले की जांच की जाए, जिसमें कई घोटाले निकलकर सामने आने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि क्या निगम कमिश्नर और विजिलेंस द्वारा इस स्कैम की जांच की जाएगी या नहीं।
नई कंपनी की 50 लाख तक होती है एनलिस्टमेंट
लुधियाना हॉट मिक्स प्लांट वेलफेयर सोसायटी के प्रधान विनोद जैन ने आरोप लगाया कि कोई भी नई कंपनी जब एनलिस्टमेंट होती है तो वे कम से कम 50 लाख रुपए तक की होती है। एनलिस्टमेंट पर उसे काम करने का लाइसेंस मिल जाता है। जिसके बाद निगम द्वारा उसे 50 लाख तक के काम दिए जा सकते हैं। विनोद जैन का आरोप है कि सोहम कंस्ट्रक्शन कंपनी नई है और उसके द्वारा लुक प्लांट लगाया गया है। जिसके बाद उसने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया, तो उसकी सीधा दो करोड़ की एनलिस्टमेंट कर डाली। जिसका मतलब है कि अब कंपनी को दो करोड़ तक के काम दिए जा सकते हैं।
कंपनी के पास ना एक्सपीरियंस और ना कोई पुराना रिकॉर्ड
विनोद जैन ने बताया कि सोहम कंपनी के पास न तो सड़कें बनाने का कोई एक्सपीरियंस है और न ही उसका पहले सड़कें बनाने का कोई पुराना रिकॉर्ड है। फिर कैसे सीधे ही दो करोड़ के काम देने का लाइसेंस दे दिया गया। जैन ने आरोप लगाया कि इसी कारण बाद में ठेकेदारों द्वारा सही तरीके से सड़कें नहीं बनाई जाती और फिर वे टूट जाती है। यह इसी लिए होता है कि अफसर आपसी मिलीभगत करके नौसिखिया कंपनियों को टेंडर दे देते है और फिर नतीजा जनता को भुगतना पड़ता है।
कैपिटल कंपनी को भी दिया था 50 लाख का लाइसेंस
विनोद जैन ने आरोप लगाया कि इससे पहले कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी नया लुक प्लांट लगाया था। उक्त कंपनी भी नई होने के चलते 50 लाख की एनलिस्टमेंट थी। हालांकि वे कंपनी भी पीपीसीबी के प्रमाणित नहीं है। जिसके बावजूद उसे टेंडर दिए जा रहे हैं। फिर अगर उक्त कंपनी को 50 लाख की एनलिस्टमेंट थी, तो सोहम कंपनी की कैसे 2 करोड़ की हो सकती है। यह बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसई संजय कंवर समेत कई अफसरों की मिलीभगत की चर्चा
वहीं सोसायटी द्वारा दी गई शिकायत में सीधे तौर पर एसई संजय कंवर पर आरोप लगाए गए हैं। यह भी कहा गया है कि संजय कंवर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है। विनोद जैन ने आरोप लगाया कि सोहम कंट्रक्शन कंपनी को अगस्त 2024 में जी-8 संख्या 21/2024 के तहत एनलिस्टमेंट किया गया है। यह पूरी कार्रवाई एसई संजय कंवर की देखरेख में हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनलिस्टमेंट करने के लिए एक पूरी टीम बैठती है। जिसमें एसई कंवर के अलावा और भी कई अधिकारी शामिल होते हैं। जिनकी मंजूरी के बाद ही यह प्रोसेस पूरा होता है। उनका आरोप है कि सभी अधिकारियों को अंदरखाते रिश्वत देने के बाद इस घोटाले को अंजाम दिया गया है। सोसायटी की और से विजिलेंस से मामले की उच्च सत्रीय जांच करने की मांग की गई है।