जीरकपुर इलाके में छाईं स्मॉग – आने वाले दिनों में सुबह-शाम रहेंगे ऐसे ही हालात , बारिश के बाद मिल सकती है राहत
एयर क्वालिटी इंडेक्स मीटर के मुताबिक जीरकपुर की हवा में सामान्य से 4 गुना ज्यादा प्रदूषण
जीरकपुर Nov 10 : जीरकपुर एरिया में शनिवार को लगभग पूरा दिन स्मॉग छाई रही। जिसके कारण दूर से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। हवा में प्रदूषण का कारण दिवाली के दौरान पटाखे, आतिशबाजी एवं लोगों द्वारा कूड़े में आग लगाना माना जाता है। जानकारों की मानें तो अगले कुछ दिनों तक यही हालात बने रहेंगे। सुबह-शाम धुएं से प्रदूषण रहेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक बारिश नहीं होती तब तक इस प्रदूषित धुएं से राहत मिलना नामुमकिन लगता है। एयर क्वालिटी इंडेक्स मीटर से ली गई रीडिंग के अनुसार जीरकपुर क्षेत्र में वायु प्रदूषण सामान्य वायु प्रदूषण से चार गुना अधिक है। यह रीडिंग शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे ली गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स मीटर के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 50 स्वच्छ मानी जा रही है, जबकि रीडिंग 205 तक आ रही है। अगर 10 दिन पहले की बात करें तो ये रीडिंग 700 से ज्यादा दर्ज की गई थी। क्योंकि दिवाली त्योहार के मौके पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद भी लोग पटाखे चलाते हैं।
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प्रदूषण के कारण कई बीमारियों में बढ़ोतरी होने की संभावना
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रदूषण से आंखों में लालिमा और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसी तरह यह प्रदूषण त्वचा पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है जिसके कारण हवा में प्रदूषक तत्वों, जो एक घातक रसायन है, की मात्रा बढ़ जाती है, जो त्वचा के लिए हानिकारक होता है। इस प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित छाती से संबंधित रोग जैसे सांस या अस्थमा , फेफड़ों से संबंधित रोग, तपेदिक, फेफड़ों का कैंसर और ब्रोंकाइटिस के अलावा जमीनी प्रदूषण और वायु प्रदूषण के मिश्रण से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रदूषण के कारण नाक से जुड़ी बीमारियाँ भी होती हैं जैसे नाक बहना, बंद नाक और बार-बार छींक आना। सावधानी से इस प्रदूषण से बचा जा सकता है। आंखों पर चश्मा लगाकर, नाक को ढककर और बाहर से घर आने के बाद अच्छी तरह से हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोकर हम खुद को काफी हद तक बचा सकते हैं।
कोट्स
अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण की परत ऐसी ही बनी रहेगी। इसका असर सुबह और शाम के वक्त ज्यादा रहेगा। फिलहाल आने वाले दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है, अगर बारिश होती है तो प्रदूषित धुएं से राहत मिल सकती है।
पूजा
साइंटिफिक अस्सिटेंट, मौसम विभाग, चंडीगढ़।
कोट्स
हवा में फैले स्मॉग प्रदूषण के कारण आंख, नाक, त्वचा, छाती और एलर्जी संबंधी बीमारियां होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है। इसका सबसे बुरा असर अस्थमा से पीड़ित मरीजों पर पड़ता है।
डॉ. मंजीत सिंह बल, पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख, राजिंदरा अस्पताल, पटियाला।