लुधियाना/यूटर्न/21 जुलाई: मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट लोक लुभावना होगा,यह बजट किसानों और महिलाओं पर फोकस्ड हो सकता है। दरअसल बीजेपी की कोशिश है कि वह आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपने वोट बैंक में उत्साह भर सकें और लोकसभा चुनाव की हार से उपजी निराशा को परे धकेल सके। बजट से जुड़े अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्र सरकार किसानों के लिए पीएम किसान समान निधि की राशि को बढ़ाकर 12 हजार सालाना कर सकती है। यानी प्रति महीना एक हजार रुपया। मौजूदा समय में किसानों को 6 हजार रुपया सालाना तीन किश्तों में मिलता है। ये रुपया उन सभी किसानों को मिलता है, जिनके पास जमीन है। इसके साथ ही सरकार इस राशि को अब तिमाही के बजाय प्रति महीना खाते में भेजने की व्यवस्था कर सकती है। किसानों के साथ मोदी सरकार का रिश्ता उतार चढ़ाव भरा रहा है। हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्य में किसान एक मजबूत वोटबैंक हैं। वहीं किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें लीगल एमएसपी की गारंटी दे। लिहाजा बीजेपी की कोशिश है कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए पैसा देकर किसानों के रुख को अपने पक्ष में किया जाए।
गरीब महिलाओं के लिए खुल सकता है पिटारा
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं के लिए सालाना एक लाख रुपये देने की योजना का ऐलान कर सकती है। मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब बीजेपी, सत्ता में रहने के लिए जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी के वोट शेयर में गिरावट दर्ज की गई है। पार्टी की कोशिश है कि बजट घोषणाओं के जरिए अपने वोट बैंक को फिर से एक्टिव किया जाए।
सीएसडीएस के एक विश्लेषण में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 36 प्रतिशत महिला वोटरों ने बीजेपी को वोट दिया है, जबकि पुरुषों की संखया 37 प्रतिशत रही। 2014 के बाद से ही बीजेपी का फोकस लाभार्थियों पर रहा है, इनमें भी विशेष तौर पर महिलाओं पर। फ्री एलपीजी योजना के जरिए बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में खेला कर दिया था। मध्य प्रदेश चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना बीजेपी के लिए कारगर साबित हुई थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना का बढ़ेगा बजट
नरेंद्र मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना एक सक्सेस स्टोरी रही है। इस बजट में योजना के लिए बजट का आवंटन बढ़ाया जा सकता है। 12 जून 2024 तक 2.94 करोड़ आवास के आवंटन को मंजूरी मिली है। वहीं 2.62 करोड़ आवास का निर्माण पूरा हो चुका है। लिहाजा सरकार अपनी इस सफल योजना के लिए जेब ढीली कर सकती है।
अगले छह महीनों में बीजेपी को महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव का सामना करना है। साल के अंत में झारखंड में विधानसभा के चुनाव होंगे, जबकि 2025 की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व को पार्टी संगठन से मिले फीडबैक में कहा गया है कि किसानों, युवाओं और महिलाओं पर फोकस करने की जरूरत है।
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