चंडीगढ/यूटर्न/27 अगस्त: पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हाईप्रोफाइल हत्या में एनआईए की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले के तार अब पाकिस्तान से जुड़ गए है क्योंकि इसमें आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा का भी नाम सामने आया है। इसके अलावा इस मामले के तार बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से भी जुड़ गए है। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम व राष्ट्रीय जांच एजेंसी की संयुक्त टीम द्वारा गिरफतार किए गए यूपी के गोंडा निवासी धर्मिंद्र कुमार उर्फ कुणाल ने आठ दिन के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी को चंडीगढ़ एनआईए की जांच टीम द्वारा आठ दिन का रिमांड खत्म होने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद के नंगल अध्यक्ष विकास बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को नंगल में उनकी हलवाई की दुकान में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच पहले पंजाब पुलिस कर रही थी लेकिन बाद में मामले के तार विदेशों में बैठे आतंकियों से जुड़े होने के चलते इसकी जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य पुलिस से लेकर एनआईए को सौंप दी गई थी।
नौ मई को एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ली और पंजाब के एसबीएस नगर के रहने वाले मनदीप कुमार उर्फ मंगली और सुरिंदर कुमार उर्फ रीका को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर उनसे पूछताछ की। इन्होंने रिमांड में खुलासा किया कि उन्हें वारदात में प्रयुक्त किए गए अवैध हथियार धर्मिंद्र उर्फ कुणाल ने उपलब्ध करवाए थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने एनआईए की संयुक्त टीम के साथ मिलकर लुधियाना से कुणाल को गिरफतार किया और उसे एनआईए के हवाले कर दिया गया। एनआईए की जांच टीम ने आरोपी को 18 अगस्त को कोर्ट में पेश कर 25 अगस्त तक 8 दिन के रिमांड पर लिया। इसके अलावा उस पर यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई।
उसने हत्या के मामले में रिमांड के दौरान बताया कि उसे पाकिस्तान में बैठे हरविंदर सिंह रिंदा के कहने के मुताबिक ही यूएआई से अज्ञात नंबर के जरिए फोन आया था। इसके बाद उसने मध्य प्रदेश से कुछ हथियार पंजाब में कुछ शूटरों को मुहैया करवा दिए थे। इसके अलावा उसने एमपी से कुछ गोला-बारूद भी खरीदा था जिसका खुलासा पूछताछ में किया है। उसने पूछताछ में बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरजीत सिंह उर्फ लाधी और कुलवीर सिंह उर्फ सिद्धू भी इस हत्या में शामिल है क्योंकि उनके कहने पर ही यह हत्या की गई है। यह दोनों आरोपी पाकिस्तान में बैठे रिंदा के भी साथ जुड़े हुए हैं। एनआईए के जांच सूत्रों के मुताबिक बीकेआई गिरोह से जुड़े हरजीत सिंह और कुलवीर सिंह उर्फ सिद्धू पिछले लंबे समय से जर्मनी में है और वहीं से बैठकर भारत में अवैध गतिविधियों को अंजाम दिलवाते है। एनआईए ने इन दोनों पर 10-10 लाख रुपये का इनाम पहले ही घोषित कर दिया है।
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