चंडीगढ़ 7 अक्टूबर। चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के नॉन टीचिंग स्टाफ को उस समय बड़ा झटका लगा जब विभाग ने उनकी सेवाओं को नियमित करने से साफ इनकार कर दिया। यह आदेश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद शिक्षा सचिव के.के यादव द्वारा जारी किए गए। आदेश में कहा गया है कि इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना अवैध होगा और इसे ‘बैक डोर एंट्री’ के रूप में देखा जाएगा। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व पर विचार करने और कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया था। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता सर्व शिक्षा अभियान योजना के तहत वार्षिक अनुबंध पर नियुक्त किए गए थे, और इस योजना में यह साफ तौर पर उल्लेख है कि इसे पंजीकृत सोसाइटी के माध्यम से लागू किया जाएगा।
स्वीकृत पदों पर नियुक्त नहीं थे कर्मचारी
विभाग ने यह भी कहा कि इन कर्मचारियों को राज्य सरकार के स्वीकृत पदों पर नहीं, बल्कि सोसाइटी के अनुबंधित पदों पर तैनात किया गया था। इसलिए उनकी सेवाओं को नियमित करना संभव नहीं है और उन्हें शिक्षकों के समकक्ष नहीं माना जा सकता।