दोनों पक्षों के करीब डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं, 13 सितंबर :-अगवाड़ लोपो डाला में बना निर्वैर आश्रम पिछले कई महीनों से के विवाद के कारण सुर्खियों में है, जिसके चलते कई बार दोनों पक्षों को पुलिस और एडल्ट में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। वहीं निरवैर आश्रम में बढ़ती दुश्मनी के चलते एक-दूसरे को जान से मारने की नियत से तेजधार हथियारों से हमला कर दिया गया, जिसमें एक महिला और चार पांच लोग घायल हो गए, जिनका सिविल अस्पताल जगराओं में इलाज चल रहा है।
निरवैर आश्रम के पहले पक्ष के परमजीत सिंह निवासी गालिब कलां ने बताया कि वह रोजाना निरवैर आश्रम में सेवा करने जाता है और मेरी बहन परमजीत कौर पम्मी कई वर्षों से वहां सेवा कर रही है। उसने बताया कि रोजाना की तरह जब मैं सुबह आश्रम में सेवा करने पहुंचा तो अमरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हैप्पी, गुरुमीत सिंह, कालू हैं , रिंकी कौर, मलकीतो, अगवाड डाला निवासी पालो और दो अज्ञात व्यक्ति लाठी और कृपाण लिए हुए थे जो लोग आश्रम में सेवारत शिवदीप सिंह शिवा और अर्जन सिंह शहीद को पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और निर्वैर आश्रम के गेट के बाहर ताला लटका दिया। मैंने झगड़ा बढ़ता देख ट्रस्ट के सदस्यों को फोन किया और घटना के बारे में बताया। सदस्यों के आने से पहले आश्रम में सेवा कर रही बीबी परमजीत कौर और माता हरदयाल कौर को हमलावरों की महिलाओं ने धक्का दिया और धमकाया। हमलावर जाते वक्त आश्रम को दो सिलेंडर साथ ले गए। पुलिस ने बयान करता के बयान पर 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दूसरे पक्ष के अमरजीत सिंह ने बताया कि मैं कपड़ा बेचने का काम करता हूं, मेरे दो बच्चे हैं एक लड़की, एक लड़का है। अमरजीत ने बताया कि मेरे ताऊ संत निर्मल सिंह ने मेरे बेटे प्रभजोत सिंह को बचपन में ही गोद ले लिया था। इस डेरे में प्रसाद बनाने के लिए गलाब की रहने वाली एक महिला परमजीत कौर पम्मी को रखा गया था। अमरजीत ने बताया कि बाबा निर्मल के चोला छोड़ने के बाद पम्मी ने डेरे पर अपना प्रभाव जमाने के लिए मेरे लड़के को कम उम्र के कारण कुछ निहंग सिंहों की मदद से वहां से निकाल दिया था। अमरजीत ने कहा कि झगड़े वाले दिन मेरी मां भजन कौर वहां से गुजर रही थी, कुछ निहंग सिंहों ने मेरी मां के साथ दुर्व्यवहार किया और मैं और मेरा भतीजा हरविंदर सिंह उनसे दुर्व्यवहार के बारे में पूछने गए, और वहां निहंग शिवदीप सिंह शिव कृपाण छड़ी के साथ खड़े थे और एक अन्य सिंह महाकाल थे, उन्होंने हम पर धारदार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। अमरजीत ने बताया कि उनके साथ दो पुरुष और तीन महिलाएं और हैं जिन्हें मैं नहीं जानता और उन्होंने भी हमें गाड़ी निकाली। हमले के दौरान जब हम मदद के लिए चिल्लाई तो वे मौके से भाग गए। पुलिस ने अमरजीत के बयानों के आधार पर शिवदीप सिंह उर्फ शिवा, महाकाल सिंह और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।