शर्मनाक हरकत : लुधियाना में आजादी दिवस समारोह में सिविल सर्जन को दाखिल होने से रोक दिया पुलिस ने

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

मामला गंभीर होने पर डीसी ने लिखी सीपी को चिट्‌ठी आरोपी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा

लुधियाना 16 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस पर यहां जिला स्तरीय समारोह के दौरान शर्मनाक घटना पुलिकर्मियों द्वारा की गई। पीएयू में इस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे सिविल सर्जन डॉ.जसबीर सिंह औलख को एंट्री-गेट पर तैनात पुलिस टीम ने अंदर दाखिल नहीं होने दिया। जबकि वह सेहत विभाग के जिला प्रमुख होने के नाते प्रशासन की ओर से वहां आमंत्रित थे। उन्होंने बाकायदा प्रशासन से मिला वीआईपी निमंत्रण-पत्र और अपना आईकार्ड भी दिखाया।

सिविल सर्जन के मुताबिक इसके बावजूद गेट पर तैनात पुलिसकर्मी दलील देते रहे कि उनका सूची में नाम नहीं है। इतना ही नहीं, पुलिस कर्मियों ने उनसे बदतमीजी से पेश आते हुए हाथापाई भी की। डॉ.औलख इतना आहत हुए कि उन्होंने फेसबुक पर आपबीती सुनाते हुए मामले को खुद ही सार्वजनिक कर दिया।

डीसी ने लिया गंभीर नोटिस : यह मामला पता चलते ही डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने फौरन पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए कहा कि उस जगह की पहचान की जाए, जहां सिविल सर्जन से हाथापाई और बदतमीजी हुई। वहां कौन से पुलिस कर्मचारी या अधिकारी तैनात थे, उनसे जवाब-तलबी की जाए कि उन्होंने निमंत्रण पत्र होने के बावजूद सिविल सर्जन से बदतमीजी करके उनके सम्मान को ठेस क्यों पहुंचाई। वह

सेहत विभाग के सीनियर अधिकारी है। उनको प्रशासन ने समारोह के निमंत्रण बतौर पास भी भेजा था।इसके बावजूद उन्हें समारोह स्थल पर अंदर आने से रोका गया। यह भी पता चला कि कुछ पुलिस कर्मियों ने उनसे हाथापाई व बदतमीजी की। यह एक बड़ी लापरवाही है।

हैरान-परेशान सिविल सर्जन ने डाली पोस्ट : जैसा कि मुमकिन है, इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख बेहद हैरान-परेशान हैं। उन्होंने शायद तभी आहत होकर फेसबुक पर पोस्ट डाली कि आज आजादी दिवस था, लुधियाना में भी मनाया गया। मुझे भी वीआईपी कार्ड नंबर 962 जारी हुआ था। मैं सुबह 8.40 बजे पीएयू काम्प्लैक्स समागम पहुंच गया। गेट पर तैनात कर्मचारियों/अधिकारियों ने सूची चैक की। बतौर सिविल सर्जन लुधियाना मेरा नाम उस सूची में नहीं था।

तब मैंने अपना वीआईपी पास और अपना विभागीय पहचान पत्र भी उन्हें दिखाया। तभी एक अन्य कर्मचारी ने मुझे बाजू से पकड़ कर गेट से बाहर निकाल दिया। मेरे सामने काफी मेहमान बिना पास और पहचान पत्र कार्ड के अंदर जा रहे थे। मैंने बहसबाजी करने की बजाए ‘गांधीगिरी’ का रास्ता अपनाया। मैंने सारा समारोह सरकारी गाड़ी में बैठकर सुना, राष्ट्रीय गान के समय खड़े होकर बनता सम्मान भी दिया। इसकी सूचना/शिकायत डिप्टी कमिश्नर को ईमेल से की गई। जिन्होंने एक एसडीएम की इस मामले में डयूटी लगाई। जबकि सिविल सर्जन स्तर के अधिकारी द्वारा भेजी शिकायत पर तुरंत एक्शन होना बनता था। यह बेइज्जती डॉ. औलख की नहीं, बल्कि समस्त पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसज कैडर की है। जो कि पहले ही आरएमओ व आम आदमी क्लीनिक वगैराह में बांट देने से आखरी सांसों पर हैं।

ऐसी स्तब्ध करने वाली घटना पहली बार ! इसे लेकर जानकारों ने तीखा रोष जताया। उनकी मानें तो पंजाब में शायद ऐसी शर्मनाक घटना पहले कभी नहीं हुई। स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व है, जिसके समागम में आम आदमी को भी सादर बुलाया जाता है। जबकि यहां तो जिले में सेहत विभाग के सर्वोच्च अधिकारी के साथ खुद पुलिसकर्मियों ने अपराधिक-हरकत की है।

————-

 

 

वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब को बाढ़ सहायता के नाम पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की कहा, 1600 करोड़ रुपये के मामूली राहत पैकेज में से आज तक पंजाब को एक भी रुपया नहीं दिया गया कांग्रेस पर ‘लाशों की राजनीति’ का आरोप लगाया

सिख समाज एक बहादुर कौम, धर्म की रक्षा के लिए सिर कटा दिये, लेकिन झुके नहीं – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 1984 सिख दंगों के पीड़ित परिवारों की पीड़ा हमारी पीड़ा, सिख समाज का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणादायक सिख समाज की कुर्बानियों तथा वीरता पर भारतवासियों को गर्व समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ हमेशा रहना होगा सतर्क 1984 के दंगा पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर सिख समाज ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

हरजोत बैंस ने पंजाब की दुर्दशा के प्रति केंद्र की उदासीनता की आलोचना की • भाखड़ा बांध के जीवनकाल और गाद के बारे में बीबीएमबी के पास आंकड़ों की कमी पर सवाल • ईएम ने विपक्ष से बाढ़ प्रभावित पंजाब के पुनर्वास के लिए राजनीतिक लाभ की बजाय लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया

वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब को बाढ़ सहायता के नाम पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की कहा, 1600 करोड़ रुपये के मामूली राहत पैकेज में से आज तक पंजाब को एक भी रुपया नहीं दिया गया कांग्रेस पर ‘लाशों की राजनीति’ का आरोप लगाया

सिख समाज एक बहादुर कौम, धर्म की रक्षा के लिए सिर कटा दिये, लेकिन झुके नहीं – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 1984 सिख दंगों के पीड़ित परिवारों की पीड़ा हमारी पीड़ा, सिख समाज का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणादायक सिख समाज की कुर्बानियों तथा वीरता पर भारतवासियों को गर्व समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ हमेशा रहना होगा सतर्क 1984 के दंगा पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर सिख समाज ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

हरजोत बैंस ने पंजाब की दुर्दशा के प्रति केंद्र की उदासीनता की आलोचना की • भाखड़ा बांध के जीवनकाल और गाद के बारे में बीबीएमबी के पास आंकड़ों की कमी पर सवाल • ईएम ने विपक्ष से बाढ़ प्रभावित पंजाब के पुनर्वास के लिए राजनीतिक लाभ की बजाय लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया