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शंभू और खनौरी बॉर्डर बंद रहना हरियाणा-पंजाब की सरकारों की आपसी मिलीभगत का नतीजा : घुम्मन

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शिअद उपाध्यक्ष एडवोकेट घुम्मन ने किसानों के साथपंजाबियों की समस्याओं की अनदेखी पर जताया रोष

लुधियाना 25 अगस्त। शिरोमणि अकाली दल-बादल ने किसान आंदोलन के मामले में हरियाणा और पंजाब की सरकारों पर बड़ा इलजाम लगाया है। पार्टी के उपाध्यक्ष व पंजाब के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एडवोकेट परोपकर सिंह घुम्मन ने कहा कि ऐसा लगता है, हरियाणा सरकार द्वारा शंभू और खनौरी बॉर्डर पंजाब सरकार की सहमति से बंद किया गया है, क्योंकि अधिकांश सीमाएं बंद हो गई हैं। इससे नुकसान पंजाबियों को हो रहा है l उन्होंने रोष जताया कि ऐसे हालात में पंजाब का व्यापार बंद होने की कगार पर आ गया है l डर के माहौल के कारण बाहर से कोई भी व्यापारी पंजाब में व्यापार नहीं करना चाहता है। जबकि पंजाब के व्यापारी सूबे से बाहर अपनी फैक्ट्रियां खोल रहे हैं। जिस कारण पंजाबियों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा जो एनआरआई हैं, उनको एयरपोर्ट जाने में काफी परेशानी होती है। जहां गाड़ियों में तेल ज्यादा लगने के साथ समय की बर्बादी भी होती है। एडवोकेट घुम्मन ने रोष जताया कि पंजाब के लोगों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। किसानों की मांगें जायज हैं और उन्हें समाधान के लिए पंजाब से दिल्ली ले जाना होगा। हरियाणा व पंजाब की सरकारों को किसानों के कष्टों के बारे में सोचना चाहिए। पंजाब गहरे वित्तीय संकट की ओर बढ़ रहा है। अगर पंजाब में व्यापार ठीक से नहीं चला तो यह भविष्य में पंजाब के सभी निवासियों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। पंजाब और पंजाबियों को भुखमरी और वित्तीय संकट में धकेलने के लिए सीधे तौर पर पंजाब और हरियाणा सरकार जिम्मेदार होंगी।

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