ना कोई जांच, ना कोई पैमाना, फॉर्मूले हो जाते हैं चोरी
लुधियाना 18 अक्टूबर यूटर्न खराब जीवन शैली गलत खानपान और तनाव की वजह से लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है खाने पीने की वस्तुओं में मिलावट फल और सब्जियों पर सप्रे लोगों की प्राकृतिक इम्यूनिटी को बेहद कमजोर कर रहा है परंतु जीवन में हार ना मानने वाला वर्तमान प्राणी कई प्रकार की सेक्स वर्धक दवाइयां की फेर में पढ़कर कई प्रकार की बीमारियों को न्योता दे रहा है इनमें ब्लड प्रेशर, किडनी संबंधी रोग, दिल की बीमारियां और मधुमेह आदि शामिल है अब यह दवाइयां कितनी कारगर हैं यह तो जांच का विषय है परंतु बाजार में उनकी मांग को देखते हुए ऐसे कई निर्माता और व्यापारी पैदा हो गए हैं जो पैसा कमाने के चक्कर में नित्य नए-नए जुगाड़ कर बाजार पर कब्जा जमाने की फिराक में लगे रहते हैं
जांच से डरकर दूसरे राज्य में लगा ली फैक्ट्रियां
सेक्स वर्धक गोलियां और कैप्सूल बेचने वाले कई व्यापारियों ने अपनी फैक्ट्रियां दूसरे राज्य में लगा ली है और यहां बैठकर वह अपना स्टॉक बेचने की फिराक में रहते हैं आयुर्वेद को लेकर राज्य में लचर कानून होने के कारण बिना डिग्री के डॉक्टर भी इस धंधे में आ गए और अपनी निर्माण इकाइयां हिमाचल आदि दूसरे राज्यों में लगा ली कई अन्य लोगों ने इस धंधे में मुनाफा कमाने के लिए अपने फार्मूले पास करा कर किसी निर्माता से दवाई बनवाकर बाजार में बेचनी शुरू कर दी
दूसरे के फार्मूले की चोरी
आयुर्वेद निर्माण में सक्रिय कई लोगों का कहना है कि लोगों की डिमांड को देखते हुए अन्न-फानन में कई लोगों ने दूसरे के फार्मूले देखकर दवाइयां बनाकर बेचनी शुरू कर दी परंतु इसके नतीजे लोगों के लिए बुरे सामने आने लगे और उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा यह आर यू की विशेषज्ञ डॉक्टर मदन लाल ने बताया कि लोग अंग्रेजी सेक्स वर्धक दवाइयां खाने की बजाय आयुर्वेदिक दवाइयां को अधिमान देते हैं परंतु आयुर्वेद के नाम पर बिक रही दवाइयां कई बार जानलेवा सिद्ध हो जाती है जबकि जरूरत है पहले अपना खान-पान और रहन-सहन ठीक करने की उन्होंने कहा कि इस धंधे में चोर बाजारी इतनी बढ़ गई है कि जो फार्मूला दवा के ऊपर लिखा होता है जरूरी नहीं की वही उसमें इस्तेमाल किया गया हो पर इसके लिए समय-समय पर जांच का होना जरूरी है जो नहीं की जाती ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला आयुर्वेदिक अफसर डॉ रमन खन्ना ने बताया कि वर्तमान में जिले में लगभग 90 इकाइयां कई तरह की आयुर्वेदिक दवाएं बना रही हैं जहां तक स्थानीय लोगों द्वारा दूसरे राज्यों में फैक्ट्रियां लगाने की बात है तो उन्हें ही नियमों के अनुसार हर बैच की दवा का सैंपल चेक करा कर बाजार में बेचने के लिए भेजनी होती है परंतु जहां तक बाजार में उपलब्ध दवाइयां की बात है वह कभी भी रेंडम सेंपलिंग कर सकते हैं इसके अलावा शिकायत आने पर भी आयुर्वेदिक दवाइयो की सैंपलिंग की जाती है